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एटीएम फ्रॉड से बचना चाहते है तो आजमाएं ये उपाय

नई दिल्ली। शॉपिंग से पहले ATM से पैसे निकालना, पेट्रोल पंप और रेस्तरां पर अपने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करना सुविधाजनक तो है, लेकिन आपको इसकी इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, जिसकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, मई में खान मार्केट में धोखाधड़ी करके कार्ड स्कीमिंग मशीन के जरिए लोगों के लाखों रुपये ATM से निकाल लिए गए। यह इकलौता ऐसा मामला नहीं है। ATM स्कीमिंग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इस साल एटीएम स्कीमिंग के जितने मामले सामने आए हैं, उन्हें देखते हुए कहा जा सकता है कि हममें से कोई भी इसका अगला शिकार हो सकता है। तो आइए जानते हैं कि क्या है ये फ्रॉड और आप इससे कैसे बच सकते हैं।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ये इकलौते मामले नहीं हैं। बल्कि, इन मामलों के तार बड़े विदेशी और भारतीय गैंग से जुड़े हैं, जो कि ATM से डेटा चुराकर फर्जी एटीएम कार्ड बनाते हैं। खान मार्केट के केस के बाद ATM में स्कीमिंग मशीन लगाने को लेकर बुल्गारिया के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि भारत में ऐसे मामले इसलिए हो रहे हैं, क्योंकि यूरोपियन देशों की तरह भारत के ATM में एडवांस्ड सिक्यॉरिटी सिस्टम नहीं है। यूरोप की मशीनों में क्लोन कार्ड को डिएक्टिवेट किया जा सकता है, जबकि भारत में ऐसा नहीं है।

पूर्व डीसीपी मधुर वर्मा ने बताया, ‘ये लोग क्लोन किए गए यूरोपियन ATM कार्ड्स को स्वाइप करके इंडियन करेंसी निकालते थे और भारतीय ATM कार्ड्स के साथ भी ऐसा ही करते थे। इसके अलावा, यूरोप में बैठे इनके साथी डेटा सप्लाई करते थे, जिसकी मदद से ये फर्जी कार्ड तैयार किया करते थे।’ कार्ड स्कीमिंग के ऐसे मामले मुंबई, लखनऊ, हैदराबाद समेत कई शहरों में सामने आए हैं, जिनमें बुल्गारिया और रोमानिया के लोग शामिल रहे हैं।

ज्यादातर लोग शॉपिंग के पहले मार्केट्स से पैसे निकालते हैं। पुलिस की सलाह है कि लोगों को इससे बचना चाहिए। पुलिस ऑफिसर्स का कहना है कि लोग सतर्कता बरतकर ऐसे फ्रॉड से बच सकते हैं। ऑफिसर्स का कहना है कि आम लोगों के लिए ATM में लगी स्कीमिंग मशीन की पहचान करना मुश्किल है। लेकिन, अगर आपको ATM में कोई भी गड़बड़ी लगे तो तुरंत इसकी सूचना देनी चाहिए। खान मार्केट से जुड़े मामलों की जांच करने वाले दिल्ली पुलिस के एडिशनल डीसीपी शोभित सक्सेना ने कुछ टिप्स साझा की हैं, जो कि आपको स्कीमर्स पहचानने में मदद कर सकती हैं।

उनका कहना है, ‘अगर कोई ATM पुराना है और उसमें नए कीबोर्ड दिखाई दें तो इस बात की संभावना हो सकती है कि उसमें आपका पासवर्ड कॉपी करने के लिए सिलिकॉन सीट लगाई गई हो।’ इसके अलावा, अगर आपको कीबोर्ड वाले सेक्शन में एक छोटा छेद दिखाई दे तो वह पिनहोल कैमरा हो सकता है। अगर आपको ऐसी चीजें दिखाई दें तो उस ATM का इस्तेमाल न करें और तुरंत इसकी सूचना दें। उनका कहना है कि लोगों को एटीएम कार्ड लगाए जाने वाले स्लॉट पर भी ध्यान देना चाहिए, यहां पर कार्ड रीडर लगा हो सकता है।

ATM कार्ड स्कीमिंग से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि जब भी आप पैसे निकालने के लिए एटीएम का इस्तेमाल करें तो पिन डालते समय कीपैड को कवर कर लें। ताकि कोई आपका एटीएम पिन न जान पाए। अगर आप अपने एटीएम पिन को सेफ रखते हैं तो स्कीमिंग होने के बावजूद जालसाज आपके कार्ड को क्लोन नहीं कर पाएंगे, क्योंकि उनके पास आपका पासवर्ड नहीं होगा। कार्ड की क्लोनिंग के लिए एटीएम पिन जरूरी होता है।

कार्ड स्कीमिंग का मतलब है कि ATM में अवैध कार्ड रीडिंग मशीन लगाकर लोगों के डेबिट कार्ड के डेटा को चुराना। जालसाज डेबिट कार्ड का डेटा हासिल करने के लिए एटीएम के कार्ड रीडर में स्कीमिंग मशीन लगा देते हैं। साथ ही, पासवर्ड हासिल करने के लिए कीपैड के ऊपर पिनहोल कैमरा लगा देते हैं। इस डेटा के आधार पर जालसाज फर्जी एटीएम बना लेते हैं और कैश निकालने में उसका इस्तेमाल करते हैं।

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