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कोरोना को लेकर बड़ा खुलासा, एसी और कूलर चलाते वक्त बरतें ये सावधानी

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना का आतंक बढ़ता ही जा रहा है, हालांकि सरकारें हर तरह से इस पर काबू करने का प्रयास कर रही हैं। मगर कहीं न कहीं जरा सी लापरवाही की वजह से ये जानलेवा वायरस स्थाई तौर पर हमारे बीच जगह बनाता जा रहा है। अब कोरोना वायरस के कनेक्शन को एसी और कूलर से जोड़ता हुआ एक बड़ा खुलासा सामने आया है।

आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में कोरोना के मामलों का रिव्यू करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों से AC, कूलर से बचने की सलाह दी है। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैं जहां कोरोना का इलाज करा रहा हूं वहां, कूलर और AC का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। कोरोनावायरस का AC और कूलर से क्या कनेक्शन है, इसे समझने की जरूरत है, क्योंकि केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी करके इसका सीमित इस्तेमाल करने की सलाह दी है।

वो रिसर्च जिससे AC -कूलर के प्रयोग पर सवाल उठे

चीन में महामारी की शुरुआत में इस पर एक रिसर्च की गई। रिसर्च एक महिला पर हुई थी। शोध के मुताबिक, ग्वांगझू के रेस्तरां में एक महिला जहां बैठी थी उसके ठीक पीछे AC था और उसमें कोरोना के लक्षण दिखे थे। उसने अपनी टेबल पर बैठे चार लोग और 5 अन्य लोगों को संक्रमित किया। इस मामले के बाद AC का कोरोना के कणों से कनेक्शन ढूंढा गया।

अमेरिका की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर डाेनॉल्ड मिल्टन का कहना है कि यह रिसर्च साबित करती है कि कोरोना के कण हवा में मौजूद रहते हैं। हवा का मूवमेंट अधिक होने पर कोरोना के कण नाक तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

इसका एक उदाहरण परागकणों से समझा जा सकता है। जिस रेस्तरां में यह घटना हुई वहां के एक्जॉस्ट फैन बंद थे। वहां ताजी हवा का फ्लो नहीं था। अगर ऐसी जगह पर एक साथ कई लोग संक्रमित हो सकते हैं तो ऐसे घर जहां वेंटिलेशन बेहद कम है, वहां खतरा और भी ज्यादा है।

प्रो. डाेनॉल्ड मिल्टन के मुताबिक, 1918 में फ्लू महामारी के दौरान भी मरीजों को ऐसी जगह रखा गया था, जहां ताजी हवा आ सके। इन्हें टेंट के नीचे रखा गया था, जिसके चारों तरफ कोई बंदिश या दीवार नहीं थी। विशेषज्ञों ने खुली हवा को डिसइंफेक्टेंट बताया था।

Ac and cooler

बाहर से आने वाली हवा कैसे कोरोना के कणों को रोकेगी

अमेरिकी शोधकर्ता किंगयान चेन कहते हैं कि अगर घर में कोई कोरोना का मरीज है तो AC को बंद कर देना ही बेहतर होगा। सबसे सेफ विकल्प है कि सारी खिड़कियां खोल दें। बंद कमरे से संक्रमण का खतरा कितना है, इस पर किंगयान कहते हैं कि ऐसी स्थिति में अगर ड्रॉप्लेट्स या कोरोना के बारीक कण होते हैं तो संक्रमण का खतरा बढ़ता ही है लेकिन जब बाहर से हवा आती है तो उस माहौल का दबाव घटता है। हवा उस दबाव को घटाती है।

AC हवा की नमी खत्म करता है, इससे खतरा सबसे ज्यादा

हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर एडवर्ड नार्डेल कहते हैं कि एयर कंडीशनर कोरोना के बेहद बारीक कणों को चारों तरफ फैला सकते हैं। AC हवा से नमी को खत्म कर देते हैं और हम सब जानते हैं कि वायरस को संक्रमण फैलाने के लिए सूखा वातावरण काफी पसंद है इसलिए वेंटिलेशन का ध्यान रखें।

अब ये समझें कि घर के अंदर AC या कूलर की हवा से कोरोना का क्या कनेक्शन है

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. मधुर यादव कहते हैं कि बंद कमरे में AC एक ही हवा को बार-बार अंदर-बाहर फेंकता है। अगर घर में कोई संक्रमित इंसान है तो उसके ड्राॅपलेट्स बंद कमरे में AC के जरिए चारों तरफ घूमते रहेंगे तो संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। इसलिए बाहर की ताजी हवा आना जरूरी है। इसीलिए ज्यादातर अस्पतालों में भी AC बंद कर दिए गए हैं।

डॉ. मधुर यादव कहते हैं, अगर घर में AC चला रहे हैं तो जरूरी है कि ताजी हवा घर के अंदर जरूर जाए। यही बात कूलर और पंखों के लिए भी है। कूलर चला रहे हैं तो घर के बाहर से इसका सम्पर्क होना चाहिए, ताकि इसके जरिए घर में ताजी हवा पहुंचे।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल के चिरायु अस्पताल में कोरोना का इलाज करा रहे हैं। वह खुद भी पंखे का इस्तेमाल कर रहे हैं और प्रदेशवासियों से भी कूलर-AC से बचने की सलाह दी है।

 

अब बात AC -कूलर से जुड़ी सरकारी गाइडलाइन की

25 अप्रैल को केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण एक गाइडलाइन जारी की। इसमें संक्रमण के मामले रोकने के लिए AC, कूलर और पंखे को इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी गई थी।

AC : तापमान 24 से 30 डिग्री होना चाहिए, खिड़कियां हमेशा थोड़ी खुली रखें

गाइडलाइन के मुताबिक, AC का इस्तेमाल करते वक्त ध्यान रखें कि कमरे का तापमान 24 से 30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। ह्यूमिडिटी यानी नमी का स्तर 40 से 70 फीसदी तक रखें। AC चलाते वक्त खिड़कियां थोड़ी सी खुली रखें ताकि बाहरी हवा कमरे में आती रहे। वरना एक ही हवा बार-बार कमरे में रीसर्कुलेट होती रहेगी। अगर AC बंद है तो भी कमरे की खिड़की खुली रखें ताकि हवा लगातार आती रहे।

कूलर : इसे खिड़की या बाहर की तरफ रखने की सलाह

कूलर में हवा बाहर से आए, यह सबसे जरूरी है। इसलिए कमरे के अंदर न रखें। इसे खिड़की या बाहर की तरफ रखेंं। कूलर को साफ करते रहें और बचे हुए पानी को निकालकर ताजा पानी भरें। गाइडलाइन में कूलर में एयर फिल्टर लगाने की बात भी कही गई थी ताकि बाहरी धूल घर के अंदर न आए।

पंखा : कमरे में वेंटिलेशन के लिए एग्जॉस्ट फैन चलाएं

पंखा चलाते वक्त भी खिड़कियों को थोड़ा खुला हुआ रखने को कहा गया है। गाइडलाइन के मुताबिक, अगर कमरे में एग्जॉस्ट फैन लगा है तो उसे जरूर चलाएं ताकि वेंटिलेशन बना रहे।

*साभार डीबी

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