मायावती ने अंबेडकर जयंती पर विरोधियों पर साधा निशाना
लखनऊ। कांग्रेस, बीजेपी और अन्य पार्टियां बाबा साहब के लिए सम्मान के लिए नहीं बल्कि दलितों का वोट पाने के लिए अंबेडकर जयंती मनाने की नाटकबाजी करती हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को अंबेडकर जयंती के मौके पर डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल पर एक ‘विशेष श्रद्धा-सुमन अर्पित कार्यक्रम’ के दौरान ये बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने विरोधी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस-बीजेपी का बाबा साहब की जयंती मनाना सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली कहावत को सार्थक करता है। बसपा सुप्रीमो ने कहा, कांग्रेस और दूसरी पार्टियां बाबा साहब के लिए इस साल ही ज्यादा नाटक कर रही हैं। उन्होंने कहा, जब बाबा साहब जिंदा थे और संघर्ष कर रहे थे तो कांग्रेस ने ही उनके खिलाफ बाबू जगजीवनराम का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अब बाबा साहब की जयंती मना रहे हैं, ये उनके घोर विरोधी हैंं। मायावती ने कहा कि ताज प्रकरण में फंसाया गया तो 2004 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार ने कई वर्षों तक इस मामले को लटकाए रखा। मुझे न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा और मुझे न्याय भी मिला। उन्होंने कहा कि फिर से इस मामले में कमलेश वर्मा नाम के दलित वर्ग के व्यक्ति से मेरे खिलाफ याचिका दायर करवाई गई है। मायावती ने कहा कि विरोधी पार्टियां मुझे किसी न किसी तरह कोर्ट कचहरी के मामले में फंसाए रखेंगी इससे हमें परेशान नहीं होना है। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, नागपुर में राहुल गांधी ने रोहित वेमुला की तुलना बाबा साहब से की ये उनके कम ज्ञान को दर्शाता है। उन्हें रोहित वेमुला की तुलना नेलसन मंडेला या कांशीराम से करनी चाहिए थी। राहुल गांधी की ये तुलना ठीक उसी तरह है जैसे खुद राहुल गांधी की तुलना गांधी या नेहरू से कर दी जाए। अपने संबोधन में उन्होंने बीजेपी के यूपी में नव-निर्वाचित अध्यक्ष केशव मौर्य पर हमला किया। उन्होंने कहा, नए बीजेपी अध्यक्ष का अपराधिक इतिहास है। वह भले ही ओबीसी हैं लेकिन बीजेपी आरएसएस के बंधुआ मजदूर की तरह हैं। इसलिए जनता बीजेपी के ओबीसी कार्ड के झांसे में न आएं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को ओबीसी कहते नहीं थकते लेकिन उन्होंने आज तक ओबीसी के हितों में कुछ नहीं किया। खुद को चायवाला बताने वाले नरेंद्र मोदी ने चायवालों तक का भला नहीं किया बल्कि फ्री में उनकी चाय पी है।