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सुप्रीम कोर्ट पंहुचे बागी विधायक

नैनीताल/नई दिल्ली। नैनीताल हाईकोर्ट से झटका खाने के बाद अब उत्तराखण्ड कांग्रेस के बागी विधायक नई दिल्ली स्थित सुप्रीमकोर्ट पंहुच गये हैं। सुप्रीम कोर्ट अयोग्य ठहराए गए उत्तराखंड के उन नौ विधायकों की याचिका पर सुनवाई करेगा जिन्होंने अपनी याचिका खारिज किए जाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। इसके कुछ ही क्षण बाद ये विधायक उच्चतम न्यायालय पहुंच गए। कांग्रेस के इन नौ विधायकों ने 18 मार्च को विनियोग विधेयक पर कार्यवाही के दौरान भाजपा के साथ हाथ मिलाया था जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने उन्हें अयोग्य ठहराने का निर्णय सुनाया था।

विधायकों के वकील सीए सुंदरम ने प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर के समक्ष दिन में पहले सुनाए गए उच्च न्यायालय के फैसले का उल्लेख किया। प्रधान न्यायाधीश ने वकील को उस पीठ के पास जाने के लिए कहा जिसने शुक्रवार को शक्ति परीक्षण का आदेश दिया था। नई याचिका की सुनवाई अपराह्न दो बजे की जाएगी। उच्च न्यायालय के आज के आदेश से यह सुनिश्चित हो गया कि ये विधायक अयोग्य बने रहेंगे और यदि शीर्ष न्यायालय यह आदेश बदलता नहीं है तो बागी विधायक मंगलवार को रावत के लिए कराए जाने वाले विश्वास मत की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकेंगे।

उच्चतम न्यायालय ने विधानसभा में 10 मई को शक्ति परीक्षण का आदेश देते हुए कहा था, ‘अगर शक्ति परीक्षण के दौरान तक उनकी (अयोग्य विधायकों की) यही स्थिति बनी रहती है’ तो वे (अयोग्य विधायक) शक्ति परीक्षण में शामिल नहीं होंगे। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह की पीठ ने आदेश दिया था कि विशेष रूप से आहूत दो घंटे के सत्र के दौरान राष्ट्रपति शासन लागू नहीं रहेगा। पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न एक बजे तक विधानसभा सत्र का आयोजन शक्ति परीक्षण के ‘एकमात्र एजेंडे’ के लिए होगा। न्यायालय ने कहा था, ‘वर्तमान में हमारे फैसले से अयोग्य विधायकों के उस मामले में किसी किस्म का पूर्वाग्रह नहीं बनेगा, जो फिलहाल उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पास विचाराधीन है।’’ इस समय 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 28, कांग्रेस के 27 और बसपा के दो विधायक हैं जबकि तीन निर्दलीय विधायक हैं। एक विधायक उत्तराखंड क्रांति दल (पी) का है। कांग्रेस के नौ विधायक अयोग्य हैं और एक भाजपा का बागी विधायक है।

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