‘अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने के बजाय लगाएं पेड़’ : डॉ. सत्यपाल सिंह
देहरादून। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट के आयोजित कार्यक्रम में लोगों से अपील की कि गंगा को निर्मल बनाए रखने के लिए अस्थियों को उसमें प्रवाह न करके उसके उपाय पर विचार करें। सत्यपाल ने आगे कहा कि अस्थियों को जमीन पर इकट्ठा करके पूर्वजों के नाम का पौधा लगाया जा सकता है। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद थे।
बता दें कि मंगलवार को हरिद्वार के ऋषिकुल ऑडिटोरियम में 918.94 करोड़ रुपये की 34 योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया। इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री सत्यपाल ने कहा, ‘परिस्थिति को देखते हुए मैं सभी से अपील करता हूं कि गंगा में प्रवाहित करने के बजाय अस्थियों को किसी जमीन पर एक स्थान पर इकट्ठा के उसके ऊपर पौधे लगाए जाएं। ताकि आने वाली पीढ़ी उस पौधे में अपने पूर्वजों की छवि देख सकें।’ उन्होंने आगे कहा कि इस विषय में सभी पुजारियों से आग्रह करता हूं कि लोगों में गंगा की सफाई को लेकर जागरुकता फैलाएं।
सत्यपाल ने साथ ही यह भी कहा, ‘लोगों की आस्था है लेकिन समय की मांग के चलते जरूरत है कि हम उस दोबारा ध्यान दे और कुछ भी ऐसा न करें जिससे गंगा की शुद्धता पर असर पहुंचे।’ कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि औद्योगिक संस्थानों, गंगा के तट पर बसे गांवों के कूड़े-कचरे, कृषि में इस्तेमाल हो रहे केमिकल्स और कपड़ों के प्रयोग से गंगा अधिक प्रदूषित हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोमुख से गंगा सागर तक गंगा के 2500 किमी के प्रवाह को अविरल व निर्मल बनाए रखने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को आगे आना होगा।