Breaking NewsUttarakhand

आज भी जिन्दा है शक्तिमान!

देहरादून। बीते दिनों उत्तराखण्ड की सियासत में भूचाल लाने वाला पुलिस का घोड़ा ‘शक्तिमान’ यूं तो दुनिया को अलविदा कह चुका है किन्तु सत्ता के गलियारों में शक्तिमान आज भी जिन्दा है। शक्तिमान प्रकरण ने पिछले दिनों महज उत्तराखण्ड में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में खूब सुर्खियां बटोरी थी। घोड़े की मौत के बाद सभी ने उसे नम आंखों से विदाई दी थी किन्तु सूबे की सियासत में शक्तिमान एक बार फिर जी उठा है। इंसानी अत्याचार की वजह से जान गंवा चुके पुलिस के घोड़े शक्तिमान के प्रकरण पर भाजपा को निशाने पर लेने में कामयाब रही कांग्रेस सरकार अब उसे सियासी तौर पर जिंदा रखने की कोशिशों में जुटी है। लेकिन शक्तिमान की प्रतिमा लगाने के लिए सरकार की ओर से बरती जा रही तत्परता ने ही उसे अब बैकफुट पर धकेल दिया है।

विधानसभा के समीप रिस्पना चौक पर शक्तिमान की प्रतिमा लगाने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। शहीद राज्य आंदोलनकारियों और राज्य की विभूतियों पर शक्तिमान को सरकार की ओर से दी जा रही तवज्जो पर सवाल खड़े होने के बाद उसकी प्रतिमा को रातोंरात रिस्पना चौक से हटा दी गई। बीती 14 मार्च को विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा के प्रदर्शन में घायल शक्तिमान की बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। शक्तिमान के नाम पर जारी सियासत ने उस वक्त नया मोड़ लिया जब सरकार ने उसकी प्रतिमा को विधानसभा के समीप रिस्पना चौक पर लगाने का निर्णय लिया।

Advertisements
Ad 13

इसके पीछे सरकार की मंशा शक्तिमान के नाम पर सियासत को गर्माए रखने की मानी जा रही है। आनन-फानन शक्तिमान की प्रतिमा रिस्पना चौक पर लगा दी गईए लेकिन रातोंरात ही इसे हटा दिया गया। दरअसल शक्तिमान की प्रतिमा को लेकर सरकार की कुछ दिन से किरकिरी हो रही थी। सोशल मीडिया पर सरकार को घोड़े की राजनीति करने वाला करार दिया जा रहा था। सरकार की मंशा पर तरह-तरह की तल्ख टिप्पणियां हो रही थीं। सवाल उठाए जा रहे थे कि सरकार ने किसी शहीद सैनिक पुलिसकर्मी अथवा आपदा शहीदों की प्रतिमा लगाकर सम्मान नहीं दिया और घोड़े को सम्मान दे रही है। स्थानीय खुफिया पुलिस ने मुख्यमंत्री को इसके बारे में सूचना दी तो फिर सरकार को इस बारे में कदम पीछे खींचने पड़े।

गौरतलब है कि पुलिस लाइन में लगाई गई शक्तिमान की प्रतिमा के अनावरण के कार्यक्रम से मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किनारा करना ही मुनासिब समझा। यह भी चर्चा है कि सरकार के इस कदम की पीछे ज्योतिषों से मिली सलाह है। पिछले कुछ दिनों से एक चर्चित ज्योतिषाचार्य भी दून में डेरा डाले हुए हैं। बहरहाल इस पूरे घटनाक्रम से सूबे में शक्तिमान को लेकर सियासत एक बार फिर से गरमा गई है। शक्तिमान को लेकर कांग्रेस और भाजपा एक बार फिर से सियासी रोटियां सेंकते नजर आ रहे हैं। इन दिनों राजनीतिक दल शक्तिमान को लेकर राजनीतिक फायदा उठाने की कवायद में जुटे हुए हैं जो वाकई शर्मनाक है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button