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एंड्रायड फोन में न करें पॉर्न मूवी देखने की गलती!

फोन में पॉर्न मूवीज़ देखने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। इसका सीधा कारण है एंड्रायड यूज़र्स की बढ़ रही संख्या। लोग इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए कंप्यूटर से ज्यादा समय फोन पर बिताते हैं। जिससे वह पूरा समय इंटरनेट से जुड़े रहते हैं। इतना ही नहीं अब तो एडल्ट कंटेंट लोगों को एप्स के जरिए भी परोसा जाता है।

गूगल प्ले व कई अन्य वेबसाइट्स जो एंड्रायड यूज़र्स इस्तेमाल करते हैं, पर कई एप्स हैं पोर्न कंटेंट उपलब्ध कराती हैं।
पॉर्न देखना सभी निजी मामला है। हमारे देश में इस पर कोई कानूनी पाबन्दी नहीं है। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि आपको क्यों अपने एंड्रायड स्मार्टफोन में पॉर्न नहीं देखना चाहिए।

पॉर्न अमूमन फ्री होता है। मगर स्मार्टफोन पर पॉर्न देखना आपको महंगापड़ सकता है। और यदि आप एंड्रायड फोन यूज़र हैं तो आपके लिए यह बेहद रिस्की हो सकता है। पॉपुलर पॉर्न वेबसाइट अपना फायदा बढ़ाने के लिए गैरकानूनी वैल्यू एडेड सर्विस को अपने वेबसाइट से जोड़ देती हैं। इसका मतलब जब आप उन पॉर्न वेबसाइट पर जायेंगे तो गैरक़ानूनी वैल्यू एडेड सर्विस सब्सक्रिप्शन बैकग्राउंड में एक्टिवेट हो जाते हैं। कुछ ऐसे अनचाहे सब्स्क्रिप्शन आपके नंबर पर एक्टिवेट कर दिए जाते हैं जिसका आपने कभी रिक्वेस्ट नहीं भेजा होगा। वैल्यू एडेड सर्विस सब्सक्रिप्शन की वजह से 5 रुपए दिन के हिसाब से या 35 रूपए महीने के हिसाब मेन बैलेंस से काट लिए जाते हैं। ट्राई की तरफ से दिए गए टॉल नंबर 155223 पर ‘STOP’ एसएमएस कर इन वैल्यू एडेड सर्विस को बंद कराया जा सकता है। पॉर्न टिकर का एंड्रॉएड फ़ोन पर आना पुरानी समस्या है। जैस कि आपने अपने स्मार्टफोन पर पॉर्न देखा और इसके बाद आप गूगल प्ले स्टोर पर कोई पॉपुलर गेम डाउनलोड करते हैं तो पोर्न टिकर ‘टेम्पल रन’ या और किसी गेम के बैकग्राउंड में छिप जाता है। इसके बाद आप जब भी गेम को टैप करेंगे ट्रोजन खुद ब खुद डाउनलोड होने लगेगा। इन्कॉगनिटो मोड में ‘डू नॉट अलाव वेबसाइट टू ट्रैक’ फीचर के साथ पॉर्न देखना सही रहता है। आपको समय समय पर कैश क्लियर करने चाहिए साथ ही क्रेडेंशियल चेक किए बिना कोई एप डाउनलोड न करें।

एंड्रॉएड स्मार्टफोन पर प्राइमरी जीमेल अकाउंट के साथ बैंकिंग एप के होते हुए पॉर्न को ब्राउज़ करना बहुत बड़ा जोखिम है। इससे एंड्रॉएड स्मार्टफोन की प्राइवेसी और सिक्योरिटी का संकट हमेशा बना रहता है। आप साइबर क्रिमिनल्स के भी चपेट में आ सकते हैं। ऑनलाइन कुछ फ्री नहीं होता है। हर चीज कीमत चुकानी होती है, कभी कैश के रूप में तो कभी डाटा। रैनसमवेयर एक तरह का माललवारे है जो कि डिवाइस को पूरी तरह लॉक कर देता है। इसके बाद वह यूज़र को अनलॉक करने के लिए कीमत चुकाने पर मजबूर करता है। रैनसमवेयर बढ़ता जा रहा है जो कि बेहद गंभीर मामला है।

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