कभी गाने को लेकर मिली थी फटकार आज हैं बाॅलीवुड की मशहूर गायिका
मुम्बई। बाॅलीवुड में रोज नये स्टार का जन्म होता है और रोजाना किसी ना किसी संघर्षरत कलाकार का कैरियर परवान चढ़ता है, सचमुच सपनों की नगरी है मुम्बई। संगीत के क्षेत्र में सफलता पाने के कुछ ऐसे ही सपने लिए एक गायिका कुछ साल पहले मुम्बई पंहुची थी, जहां सफल गायिका बनने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। हम बात कर रहे हैं दिल्ली की मशहूर गायिका नेहा कक्कड़ की। 28 वर्षीय नेहा कक्कड़ का जन्म उत्तराखण्ड के ऋषिकेश में 6 जून 1988 को हुआ था। नेहा को बचपन से ही गाने का शौंक था। दिल्ली में इन्होंने कई बार मंच पर भी गाने गाकर वाहवाही बटोरी इसके अलावा वे जागरण में भी माता की भेंटे गाया करती थी। गाने के प्रति उनका ये लगावा उन्हें मुम्बई खींच लाया। साल 2006 में कक्षा 11 में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने चर्चित रिएलिटी शो ‘इंडियन आइडल’ में आॅडिशन दिया और वे सलेक्ट भी हो गई।
‘इंडियन आइडल’ में परफाॅरमेंस के दौरान कार्यक्रम के जज अनु मलिक ने नेहा के गीत की प्रस्तुति पर कमेन्ट करते हुए व नेहा को फटकार लगाते हुए अपने ही अंदाज में कहा था ‘‘नेहा कक्कड़ तूने गाया गाना ऐसा जैसे मारा हो मुंह पे थप्पड़’’ अनु मलिक की इस टिप्पणी ने नेहा को भीतर तक झकझोर कर रख दिया था किन्तु उन्होंने हार नहीं मानी। अब नेहा ठान चुकी थीं कि उन्हें और अधिक मेहनत करनी है। इसके बाद नेहा ने कई बेहतरीन परफाॅरमेंस ‘इंडियन आइडल’ के मंच पर दी। अब तक नेहा देशभर में अपनी पहचान बना चुकी थी। वो इस प्रतियोगिता को तो ना जीत सकी हां मगर लोगों का प्यार उन्होंने जरूर जीत लिया था।
इसके बाद कुछ साल संघर्ष करने के बाद उन्हें 2009 में आयी ‘जेल’ फिल्म में ब्रेक मिला जिसमें उन्होंने अपने कैरियर का पहला गाना ‘बरेली के बाजार में’ गाया था। इस गीत ने काफी सुर्खियां बटोरी और नेहा के कैरियर को भी उड़ान दी। इसके बाद उन्होंने साल 2009 में आयी ‘ब्लू’ फिल्म में एक थीम सांग गाया। नेहा की लोकप्रियता अब काफी बढ़ चुकी थी। उन्हें तेजी से बाॅलीवुड में काम मिलना शुरू हो गया और उन्होंने उभरती हुई गायिका के तौर बाॅलीवुड में अपनी पहचान बनायी। उनके मशहूर गीतों में ‘धतिंग नाच’, आज दिन है पानी-पानी’, ‘लण्डन धुमक दा’, ‘सैकंड हैण्ड जवानी’ और ‘मनाली ट्रैन्स’ आदि शामिल है। इसके अलावा ‘कुण्डी मत खड़ाओ राजा’ और ‘तू इश्क मेरा’ इन दिनों शादी और पार्टियों में धड़ल्ले से बजाये जा रहे है। नेहा कक्कड़ का ये सफर बयां करता है कि सफलता पाने के लिए उन्होंने कितनी मेहनत की है। उनके इस हौंसले को सलाम।