केदारनाथ समेत गंगेात्री-यमुनोत्री के कपाट खुले
देहरादून। श्री केदारनाथ धाम के कपाट मंत्रोच्चारण के बीच सोमवार सुबह सात बजे शुभ लग्न में विधि विधान से खोल दिए गए। अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर पूजा अर्चना और विधि विधान के साथ केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए। इसके साथ ही चारधाम यात्रा की शुरूआत हो गई है। बदरीनाथ धाम के कपाट 11 मई को खुलेंगे। बाबा केदार की उत्सव डोली कल शाम को केदारनाथ पहुंच गई थी। सुबह सात बजे जिलाधिकारी राघव लंघर, रावल भीमाशंकर लिंग, मुख्य पुजारी शंकर लिंग, वेदपाठियों की उपस्थिति में केदारनाथ मंदिर के मुख्य द्वार के ताले खोले गए।
इसके बाद उत्सव डोली ने मंदिर में प्रवेश किया और बाबा भोलेनाथ को भोग लगाने के साथ ही मंदिर के कपाट को भक्तों के लिए दर्शनार्थ खोल दिया गया। इस दौरान राज्यपाल केके पाल ने भी भोले बाबा के दर्शन किए। अब छह माह तक केदारनाथ की पूजा यहीं होगी। कपाट खुलने के दौरान करीब दो बजार श्रद्धालुओं की उपस्थिति में केदारपुरी बाबा भोले के जयघोष से गुंजायमान रही। इस दौरान सेना के बैंड की मधुर धुन से वातावरण और मनोहारी हो गया।
रविवार को मुखबा से रवाना हुई गंगोत्री की डोली आज सुबह भैरवघाटी से गंगोत्री के लिए रवाना हुई और दोपहर को गंगोत्री पहुंचने के बाद करीब साढ़े बारह बजे विधि विधान से गंगोत्री मंदिर के कपाट खोल दिए गए। वहीं, यमुना के शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली से यमुनोत्री की डोली यमुनोत्री पहुंची और दोपहर करीब सवा एक बजे यमुनोत्री म्ंदिर के कपाट खोल दिए गए। केदारनाथ यात्रा में यात्रियों की सही लोकेशन ट्रेस करने के लिए दो दिनों में अभी तक 3314 यात्रियों ने बायोमैट्रिक पंजीकरण करवा दिया है। बिना पंजीकरण के लिए किसी भी यात्री को केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आपदा से सबक लेकर शासन ने वर्ष 2014 से चारधाम के लिए बायोमैट्रिक पंजीकरण की व्यवस्था शुरू की थी, जिससे भविष्य में आने वाली आपदाओं में यात्रियों की सही लोकेशन के बारे में पता किया जा सके।
पर्यटन विभाग ने गुप्तकाशी, अगस्त्यमुनि, फाटा, सीतापुर, सोनप्रयाग, केदारनाथ में पंजीकरण केन्द्रों की स्थापना कर शनिवार से पंजीकरण का कार्य भी सुचारु रूप से शुरू कर दिया है। सात मई तक सभी केन्द्रों पर कुल 1206 यात्रियों ने अपना पंजीकरण कराया है, आठ मई तक 2108 यात्रियों ने पंजीकरण कराया। 50 वर्ष से ऊपर वाले तीर्थयात्री को डाक्टर से मेडिकल जांच कराना आवश्यक होगा। उसके बाद ही उनका पंजीकरण किया जाएगा। यात्रियों के बाहरी क्षेत्र से बनाए गए पंजीकरण का सत्यापन का कार्य सोनप्रयाग में होगा।