क्या सतपाल महाराज का मुख्यमंत्री बनने का सपना पूरा होगा?

देहरादून। उत्तराखण्ड की सियासत में इन दिनों भूचाल आया हुआ है। आज दिनांक 21-4-2016 में सुबह से ही दिल्ली में बैठे भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उत्तराखण्ड में भाजपा की सरकार बनाने की होड़ में है। एक ओर 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गये सतपाल महाराज मुख्यमंत्री बनने का सपना संजोये बैठे हैं। देखना यह है कि भाजपा नेतृत्व सतपाल महाराज पर कहां तक विश्वास कर पायेगा। क्या बरसों पुराना सतपाल महाराज का उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री बनने का सपना पूरा हो पायेगा या ये सपना महज सपना ही बनकर रह जायेगा।
सूत्रों से पता चला है कि यदि राज्यपाल भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं तो मुख्यमंत्री के तौर पर भाजपा विधायकों की पहली पसंद भगत सिंह कोश्यारी ही होंगे। यदि भाजपा के आलाकमान से ही सतपाल महाराज के नाम का फतवा जारी हो गया तो सतपाल महाराज मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे होंगे।
दूसरी ओर सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि कांग्रेस के बागी नौ विधायकों में करीब पांच विधायक सतपाल महाराज को उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री बना देखेने के इच्छुक हैं। इनमें से चार विधायक विजय बहुगुणा को दोबारा से मुख्यमंत्री बना देखना चाहते है। सूत्र ये भी बताते हैं कि भाजपा विधायकों और बागी नौ विधायकों में भी छत्तीस का पूरा आंकड़ा है किन्तु शीर्ष नेतृत्व का डण्डा इनको भारी लग रहा है।
अरे भाई! सत्ता की चमक में कौन रहना पसंद नहीं करता, चार बरस कांग्रेस के छोटे-बड़े नेताओं अंतरी, मंत्री व संतरी सभी ने इस कदर उत्तराखण्ड में प्रशासन को अपने कब्जे में रखकर अपना लठ चलाया और जहां-तहां से वसूली, मनचाहा काम शासन व प्रशासन से करवाया। सूत्र बताते हैं हजारों सत्ता के दलाल चार बरस में कई करोड़ के मालिक बन गये और बेचारी जनता, वाह! मेरी बेचारी जनता। अब बाकी का एक बरस भाजपाइयों को भी सत्ता का आनन्द, सत्ता का सुख व सत्ता की मौज का सपना पूरा करते हुए देखेगी। एक ओर राजनेता फिर से मौज कर अपना सपना पूरा करेंगे तो वहीं बेचारी जनता बेचारी की बेचारी ही बनी रहेगी।
‘‘उत्तराखण्ड की लूट है, लूट सके तो लूट,
अंतकाल पछताएगा, जब प्राण जायेंगे छूट।’’
उत्तराखण्ड देवभूमि को चाहे वो भाजपा हो या कांग्रेस हो किसी ने भी इसका विकास व इसकी तरक्की ना चाहकर जो लूट-खसोट हो सकती थी यहां की। इन सबको अपने अंत का कोई ज्ञान नहीं है। धर्मराज जब इनसे कर्मो का लेखा-जोखा मांगेगे तो ये धर्मराज को क्या जवाब देंगे।
परमात्मा इन नेताओं को सुबुद्धि प्रदान करे।
-संपादक द्वारा