जेल जाने से डर रहे हैं हरीश रावत : भट्ट
देहरादून। दोबारा उत्तराखण्ड की सत्ता की कमान संभालने वाले हरीश रावत ने जहां अपने विरोधियों को करारी शिकस्त दी है तो वहीं उनके विरोधी भी उन पर तीखे वार करने से नहीं चूक रहे हैं। मुख्यमंत्री रावत पर किये गये ऐसे ही एक प्रहार में उत्तराखण्ड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने आज उन पर केंद्रीय एजेंसी की जांच से डर कर भागने का आरोप लगाया और कहा कि अगर उनमें जरा सा भी नैतिक साहस होता तो वह उसका सामना करते।
यहां जारी एक बयान में भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री रावत ने रविवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता स्वयं न करके संसदीय कार्यमंत्री इन्दिरा हृदयेश से कराई और फिर उसमें यह प्रस्ताव पारित कराया कि उनके खिलाफ चल रही सीबीआई जाँच की अधिसूचना वापस ले ली जाये।
दोबारा सत्ता संभालने के बाद हरीश रावत पर भाजपा द्वारा किया गया ये एक बड़ा पलटवार ही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा इससे साफ है कि मुख्यमंत्री सीबीआई जाँच से डर कर भाग रहे हैं। दरअसल हरीश रावत जेल जाने से डर रहे हैं। यदि उनमें जरा भी नैतिक साहस होता तो वे जाँच का सामना करते। उन्होंने कहा कि रावत के सीबीआई जाँच से डरने का पता इस बात से भी चलता है कि केंद्रीय एजेंसी की पूछताछ से बचने के लिए उन्होंने स्वास्थ्य ठीक न होने का बहाना बनाया और उसे देहरादून आ कर जांच करने को कहा लेकिन सोनिया जी (कांग्रेस अध्यक्ष) के दरबार में जाने के लिए वह ठीक हो गये।
स्टिंग सीडी प्रकरण की जांच के लिये प्रदेश स्तर पर विशेष जांच दल (सिट) के गठन के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले पर भी भट्ट ने सवाल उठाया और कहा कि राज्य सरकार के तहत होने वाली इस जांच का कोई मतलब नहीं है क्योंकि सिट को दबाव में लेना राज्य सरकार के लिए कोई मुश्किल काम नहीं है।