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दृश्य हटाना फिल्म की कलात्मकता की हत्या : कश्यप

मुंबई। फिल्मकार अनुराग कश्यप का कहना है कि सेंसर बोर्ड का फिल्म से एक भी दृश्य हटाना उसकी कलात्मकता की हत्या से कम नहीं है। ‘बॉम्बे वेलवेट’ के निर्देशक अनुराग बतौर निर्देशक अपनी पहली फिल्म ‘पांच’ से लेकर ‘ब्लैक फ्राइडे’ और ‘अगली’ की रिलीज तक अक्सर सेंसर बोर्ड के साथ विवाद के लिए चर्चाओं में रहे हैं।

हाल ही में ऐसी खबरें आई थी कि पंजाब में मादक द्रव्य के सेवन पर आधारित फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को फिल्म में अपशब्द और नशीली दवाओं का प्रयोग दिखाने के चलते सेंसर बोर्ड से हरी झंडी नहीं मिल पा रही है। अनुराग इस फिल्म के सह-निर्माता हैं। कश्यप ने कहा कि अन्य फिल्मों की तरह उनकी फिल्म को भी पुनरीक्षण समिति के पास भेजा गया है।

सेंसर बोर्ड के फिल्म से दृश्य हटाने पर फिल्म की कलात्मकता के कम होने के संबंध में सवाल पूछे जाने पर अनुराग ने पत्रकारों से कहा, ‘फिल्मकार जब अपनी फिल्म तैयार कर लेता है तो वह उसे सीबीएफसी के पास भेजता है। फिल्मकार के मुताबिक उसे वह फिल्म वैसी ही चाहिए होती है। इसलिए जब उसमें से थोड़े भी दृश्य हटाए जाते हैं तो वह उसका कत्ल-ए-आम जैसा होता है।’

उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि फिल्मकार फिल्म बनाने के बाद यह कहेगा कि आप इसमें से दृश्य हटा दें और जो मन करें उसे छोड़ दें।’ अनुराग ने यह बयान यहां अपनी आने वाली फिल्म ‘रमन राघव 2.0’ के नए गीत ‘कत्ल-ए-आम’ के लॉन्च दौरान दिया। ‘रमन राघव 2.0’ में नवाजुद्दीन सिद्दीकी और विक्की कौशल मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म 24 जून को बड़े पर्दे पर रिलीज होगी।

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