पंजाब में नशे की जांच रूक गयी : अमरिंदर सिंह
जालंधर। पंजाब में आसन्न विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर हिंसा की आशंका जताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अरुण जेटली के वित्त मंत्री बनने के बाद से राज्य में नशे के जांच की धार कुंद पड गयी है और यह सब भाजपा अपने सहयोगी शिअद के नेताओं को बचाने के लिए कर रही है। जालंधर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज यहां कहा, ‘‘पंजाब में नशे के कारोबार की जांच अचानक से या तो रूक गयी है अथवा इसकी धार कुंद पड़ गयी है क्योंकि केंद्र सरकार, खास तौर से वित्त मंत्री अरुण जेटली पंजाब में अपने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के नेताओं को बचाना चाहते हैं।’’
कैप्टन ने आरोप लगाया, ‘‘पंजाब में हजारो करोड़ रूपये के नशे के मामलों की जांच केंद्रीय एजेंसी कर रही है और पिछले कई महीनों से यह जांच धीमी हो गयी है। राज्य में इसका भंडाफोड़ करने वाले वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को साइड लाइन कर दिया गया है और जिन भी लोगों का नाम इसमें सामने आया है उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी है।’’ पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके कैप्टन ने कहा, ‘‘मैं मीडिया के माध्यम से उच्च न्यायालय से यह कहना चाहता हूं कि उन्हें केंद्र और पंजाब सरकार से इस संबंध में सवाल करना चाहिए कि जांच क्यों रूकी है अथवा धीमी पड़ गयी है क्योंकि पूरे मामले पर उच्च न्यायालय की निगरानी है।”
आम चुनाव में जेटली को शिकस्त देकर लोकसभा पहुंचे कैप्टन ने कहा, ‘‘नशे के मामले की जांच करने वाली सभी केंद्रीय एजेंसियां जेटली के वित्त मंत्रालय के अधीन हैं। इस संबंध में पकड़े गए सभी लोगों ने केवल अकाली दल के नेताओं का नाम लिया है और यही कारण है कि जांच को रोक दिया गया है क्योंकि जेटली उन लोगों को बचाना चाहते हैं।’’ लोकसभा में अमृतसर का प्रतिनिधित्व करने वाले कैप्टन ने कहा, ‘‘पंजाब में आसन्न विधानसभा चुनाव में हिंसा होने की आशंका है और इसके लिए केवल मुख्यमंत्री ही जिम्मेदार होंगे क्योंकि राज्य में 50 से अधिक संगठित आपराधिक गिरोह की उपस्थिति और सरकार द्वारा पैरोल को आसान बनाना एक खतरनाक संदेश है।’’ कैप्टन ने कहा, ‘‘विधानसभा चुनावों से पहले खतरनाक आपराधिक गिरोहों को पुलिस पकड़ नहीं पा रही है और जेल में बंद अपराधियों के लिए सरकार पैरोल आसान बना रही है। इससे सरकार में शामिल लोगों की मंशा पर सवालिया निशान खड़ा होता है।’’
सतलुज यमुना लिंक नहर पर पूछे गए सवाल के जवाब में कैप्टन ने कहा, ‘‘हमारा रूख एकदम साफ है। पंजाब के खिलाफ फैसला आता है तो कांग्रेसी विधायक इस्तीफा दे देंगे और राज्य में अगर हमारी सरकार बन जाती है तो हम नहर बनाने की मौजूदा व्यवस्था को निरस्त कर देंगे। इससे पहले भी 2004 में हमने ऐसी व्यवस्था की थी जिससे पंजाब का पानी बाहर नहीं जाने पाए।’’ एक अन्य सवाल के उत्तर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि चंडीगढ़ हवाई अड्डे के नामकरण पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ओछी राजनीति कर रहे हैं। सभी पक्ष शहीद भगत सिंह के नाम पर इसका नामकरण करने के लिए पहले ही सहमत हो चुके हैं।