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पीछा नहीं छोड़ रहा स्टिंग का भूत

स्टिंग ऑपरेशन का भूत हरीश रावत का पीछा नहीं छोड़ रहा है। मीडिया में जारी हुए हरीश रावत के स्टिंग ऑपरेशन की वजह से जहां देशभर में हरीश रावत की छवि खराब हुई है तो वहीं सीबीआई जांच की तलवार भी उनके सिर पर लटक रही है। इसके चलते रावत को बार—बार सीबीआई के कार्यालय में जाकर हाजिरी लगानी पड़ रही है।

स्टिंग ऑपरेशन के जाल में फंसे उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत मंगलवार को एक बार फिर सीबीआई के सामने पेश हुए। सीबीआई के अधिकारियों ने रावत के लगभग ढाई घण्टों तक पूछताछ की। इससे पूर्व भी लगभग हफ्ताभर पहले भी वे एक बार सीबीआई के दिल्ली स्थित कार्यालय में जाकर सीबीआई के सवालों के जवाब दे चुके हैं और आगे भी उन्हें जांच के लिए सीबीआई के बुलावे पर आना पड़ सकता है। रावत के अनुसार वे जांच में सीबीआई का सहयोग कर रहे हैं।

गौरतलब है कि बीती 26 मार्च को मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग ऑपरेशन मीडिया में दिखाया गया था। इस स्टिंग ऑपरेशन में हरीश रावत विधायकों की खरीद—फरोख्त करते दिख रहे हैं। इस स्टिंग के सामने आने के बाद रावत सरकार को बर्खास्त कर उत्तराखण्ड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। बाद में इस प्रकरण की जंाच सीबीआई को सौंप दी गई थी।

बताते चलें कि इससे पूर्व भी एक बार हरीश रावत से सीबीआई दिल्ली मुख्यालय में पूछताछ कर चुकी है। जिसके बाद मंगलवार को पुनः हरीश रावत को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था। सीबीआई कार्यालय से बाहर आये हरीश रावत कुछ परेशान से नजर आ रहे थे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे सीबीआई जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह स्टिंग ऑपरेशन उनके खिलाफ विरोधियों की बड़ी साजिश है। उन्होंने कहा कि भाजपा के काले कारनामों की भी सीबीआई जांच होनी चाहिए। रावत ने कहा कि इस स्टिंग का सच सामने लाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने भी एक सीडी जारी की है देशवासी एक बार उस सीडी को भी जरूर देखें। रावत ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है जैसा दर्शाया जा रहा है तथा वे पूरी तरह से बेकसूर हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को विकास कार्यों से बाधित करने के लिए उनके विरोधी हरिद्वार में दंगे भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। जिसके खिलाफ वे सख्त कदम उठायेंगे।

रावत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जब से उनकी सरकार बनी है तभी से भाजपा के लोग उनकी सरकार को गिराने के प्रयास में लगे हुए हैं। उत्तराखण्ड में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना भाजपा की साजिश का एक ताजा उदाहरण है। रावत ने कहा कि भाजपा के द्वारा उन्हें किसी भी तरह से सदन में शक्ति परीक्षण से रोकने का प्रयास किया गया किन्तु अंत में सत्य की जीत हुई और उनकी सरकार पुनः बहाल हुई। हरीश रावत ने पत्रकारों से कहा कि वे पूरी तरह से निर्दोष हैं और सीबीआई जांच में भी वे बेगुनाह साबित हो कर इस आरोप से बाहर निकलेंगे। रावत ने कहा कि उनके विरोधियाें ने उनकी सरकार को अस्थिर कर राज्य के विकास को रोकने का कार्य किया था।

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