बढ़ रहे हैं उत्तराखण्ड के जंगलों में आग लगने के मामले

देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग से अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 16 सौ हेक्टेयर जंगल राख हो चुके हैं। वनों की आग से लगभग 15 सौ गांव को खतरा बना हुआ है। आग का विकराल रूप देखकर लोग दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं
गढ़वाल मंडल मुख्यालय पौड़ी से पांच किमी दून पौड़ी-कांसखेत-सतपुली मार्ग पर जंगल की आग ने सात लोगों को अपनी चपेट में ले लिया।मंडल मुख्यालय पौड़ी से सवारियां लेकर कोटद्वार जा रही टैक्सी जैसे ही टेका के पास पहुंची, जंगल में भीषण आग को देख चालक ने टैक्सी को रोका। तभी आग की लपटें सड़क तक आ गईं।
घबराहट में टैक्सी में बैठे सात लोग जैसे ही नीचे उतरे, वे आग की चपेट में आकर झुलस गए। सभी को पौड़ी जिला अस्पताल ले जाया गया। सिमतोली (पौड़ी) निवासी गंगोत्री देवी की गंभीर हालत को देखते हुए उसे श्रीनगर रेफर कर दिया गया। आग से झुलसे अन्य लोगों भरत सिंह, कुसुमलता व विभा रतूड़ी (कोटद्वार) वीरेंद्र सिंह (गौचर), अजय (मिंथी), लक्ष्मण सिंह (घाट) का जिला अस्पताल में उचार चल रहा है। गंगोत्री देवी 80 फीसद झुलसी है, जबकि अन्य लोग 30 फीसद तक। पौडी जिले में ही कल्जीखाल प्रखंड के सुतार गांव में जंगल की आग ने गोदांबरी देवी के घर को अपनी चपेट में ले लिया। गनीमत रही कि जिस वक्त हादसा हुआ तब घर में कोई नहीं था। ग्रामीणों और फायर बिग्रेड ने किसी तरह आग पर काबू पाया।
नायब तहसीलदार आशीष घिल्डियाल के अनुसार आग से एक कमरा, किचन के साथ ही घर में रखा सामान राख हो गया। इस संबंध में राज्यपाल केके पाल ने वन विभाग के अधिकारियों को प्रभावी कदम उठाने को कहा। साथ ही जंगल की आग को रोकने के लिए आम आदमी को आगे आने की अपील भी की।