मुख्यमंत्री रावत ने दी शहीद अनूप कुमार को श्रद्धांजलि
देहरादून। शहीद अनूप कुमार थापा के शव का सोमवार की सुबह अंतिम संस्कार कर दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शहीद के घर पंहुचकर शहीद के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी। कुपवाडा में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए अनूप कुमार थापा का शव सुबह नौ बजे के करीब दून स्थित उनके घर पहुंचा। घर के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी नूतन शव देखते ही बेहोश हो गई। शहीद के घर पहुंचे मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि दी और परिवार के लोगों को ढांढस बंधाया।
इस दौरान उनकी भी आंखे नम हो गई। करीब साढ़े दस बजे सेना ट्रक से शहीद के शव को चंद्रबनी घाट ले ले जाया गया। शव यात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। यहां शहीद के बड़े बेटे ने पिता को नम आंखों से मुखाग्नि दी। इस दौरान चंद्रबनी घाट पर सैकड़ों की संख्या में मौजूद रहे। सभी ने नम आंखों से शहीद को श्रद्धांजलि दी। शमशान स्थल पर प्रत्येक व्यक्ति शहीद अनूप कुमार थापा के शौर्य और वीरता का गुणगान करता ही नजर आ रहा था।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा पर ड्यूटी के दौरान गोरखा रेजीमेंट के हवलदार अनूप थापा की आतंकियों से मुठभेड़ हो गई। जवाबी फायरिंग से अनूप ने घुसपैठ को तो नाकाम कर दिया, लेकिन दुश्मनों की गोली उनका सीना छलनी कर गई। शनिवार शाम यह खबर डाट काली मंदिर स्थित शहीद अनूप थापा के घर पहुंची तो वहां कोहराम मच गया।
देहरादून-दिल्ली हाईवे पर डाट काली मंदिर के पुजारी उमाशंकर के सबसे बड़े बेटे अनूप कुमार थापा (40) वर्ष 1994 में सेना में भर्ती हुए थे। स्वभाव से बेहद मिलनसार अनूप गोरखा रेजीमेंट में तैनात थे। एक माह पहले ही उन्हें जम्मू-कश्मीर नियंत्रण रेखा पर तैनात किया गया था। बीते शुक्रवार वहां कुछ आतंकी घुसपैठ की फिराक में थे। इस दौरान हुई मुठभेड़ में अनूप को गोली लग गई।
शनिवार को अनूप की शहादत की खबर डाट काली मंदिर स्थित उनके घर पहुंची तो पिता उमाशंकर बदहवास हो गए और पत्नी नूतन बेसुध होकर गिर पड़ीं। परिजनों ने उन्हें किसी तरह संभाला। अनूप के 12 वर्षीय बेटे मोक्ष का रो-रोकर बुरा हाल है तो तीन साल का अक्ष इस सबसे अंजान कि उसके सिर से पिता का साया छिन चुका है।