रामदेव के विज्ञापनों के खिलाफ शिकायत
नई दिल्ली। दुनिया को योग की शिक्षा देने वाले बाबा रामदेव मुश्किल में पड़ते नजर आ रहे हैं। उनके द्वारा संचालित की जा रही ‘पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड’ के विज्ञापनों में खामियां नजर आयी हैं। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बताया कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के 33 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायत मिली है। सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सूचित किया है कि उपलब्ध सूचना के अनुसार टीवी, प्रिंट और उत्पाद पैकिंग समेत विभिन्न मीडिया में आने वाले विज्ञापनों को लेकर अप्रैल 2015 से जुलाई 2016 के बीच पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के 33 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायत मिली है। ये शिकायतें भोज्य और पेय पदार्थों, पर्सनल केयर, हेल्थ केयर आदि के विज्ञापनों को लेकर हैं।
राठौड़ ने उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा दी गई सूचना के हवाले से बताया कि शिकायत वाले 21 विज्ञापनों में से 17 विज्ञापन भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) का उल्लंघन के रूप में देखे गए हैं, लेकिन बाकी 4 उत्पाद पैकिंग विज्ञापन एएससी आई के विज्ञापन स्वनियमन की संहिता का उल्लंघन नहीं पाए गए हैं। इसी प्रकार 8 शिकायतों में से 6 उत्पाद पैकिंग विज्ञापन एएससीआई के मानकों के विपरीत पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पतंजलि के खिलाफ शिकायत के 4 मामलों में से 2 टीवी विज्ञापन एएससीआई के स्वनियमन संहिता के उल्लंघन के रूप में पाए गए हैं। मंत्री ने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं भारतीय मानक प्राधिकरण (एफएसएसआई) ने सूचित किया है कि उन्होंने पतंजलि समेत विभिन्न फूड बिजनेस ऑपरेटरों द्वारा भ्रामक दावों संबंधी शिकायतों का संज्ञान लिया है।
गौरतलब है कि इन दिनों टीवी के लगभग हर चैनल और देश के कई अखबारों में बाबा रामदेव की कंपनी ‘पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड’ के विज्ञापन आसानी से देखे जा सकते हैं। इन विज्ञापनों के द्वारा बाबा की कम्पनी के उत्पादों का धड़ल्ले से प्रचार-प्रसार किया जाता है। विज्ञापनों में जनता को ये संदेश देने का प्रयास किया जाता है कि ‘पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड’ के उत्पाद बाजार में उपलब्ध अन्य उत्पादों से ज्यादा सुरक्षित और सस्ते हैं। बहरहाल अब देखना ये होगा कि सामने आयी इन शिकायतों के बाद ‘पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड’ के व्यापार और मार्केटिंग पर कितना असर पड़ता है।