हंगामे की भेंट चढ़ा विधानसभा सत्र
देहरादून। उत्तराखण्ड विधानसभा का मानसून सत्र गुरूवार को हंगामे की भेंट चढ़ गया। विधानसभा का विशेष सत्र जोरदार हंगामे के साथ शुरू हुआ। भाजपा विधायक विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के उस फैसले से नाराज दिखे, जिसके तहत उन्होंने अपने खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव का संज्ञान लेते हुए पीठ छोड़ दी और वरिष्ठता को आधार मानते हुए कांग्रेस के विकासनगर विधायक नव प्रभात को कुर्सी सौंप दी। नव प्रभात को सीट सौंपने से नाराज भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया और विरोध जताते हुए अध्यक्ष की ओर माइक भी उछाला। भाजपा विधायक अविश्वास प्रस्ताव को लेकर हुई वोटिंग के दौरान भी हंगामा करते रहे।
गुरुवार को वंदे मातरम् के साथ जैसे ही विशेष सत्र की शुरूआत हुई कि भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और उपाध्यक्ष अनसुईया प्रसाद मैखुरी के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव का मुद्दा उठाया। 18 मार्च को यह अविश्वास प्रस्ताव सदन में लाया गया था। विस अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने अपने खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को पढा और तत्काल पीठ छोड़ दी। साथ ही उन्होंने वरिष्ठता के आधार पर कांग्रेस विधायक नव प्रभात को सदन की कार्यवाही जारी रखने को कहा। नव प्रभात के पीठ पर बैठते ही भाजपा विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट के नेतृत्व में हंगामा शुरू कर दिया। भाजपाई विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर बता रहे थे।
विपक्ष के हंगामे के बीच ही पीठासीन नव प्रभात ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग शुरू करा दी। कांग्रेसी विधायकों ने हाथ खड़े कर कुंजावल को विधान सभा अध्य्क्ष पद पर बने रहने के लिए वोटिंग की। इस दौरान विपक्ष के विधायक न सिर्फ वोटिंग का विरोध किया बल्कि वेल में आकर उन्होंने हंगामा भी शुरू कर दिया। समाचार लिखे जाने तक भाजाप विधायकों का विरोध जारी था। इस दौरान सदन के नेता हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट के बीच भी तीखी बहस हुई।
गुरूवार को उत्तराखंड विधानसभा का अब तक का सबसे काला दिन रहा। नवप्रभात को पीठ सौंपने से नाराज विपक्ष के विधायकों ने पीठ की तरफ जमकर कागज के गोले पत्रावालियां और माइक उछाले। इस दौरान पीठासीन नवप्रभात को कई गोले लगे। इतना ही नहीं विपक्ष के विधायकों समेत नेता प्रतिपक्ष भी मेज पर चढ़ गए और हंगामा किया।