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हिंदी मीडियम की सराहना से खुश हैं इरफान

मुम्बई। करीब तीन दशक लंबे फिल्म कॅरियर में अलग अलग तरह के किरदार निभा चुके और खुद को एक भरोसेमंद अभिनेता के तौर पर स्थापित कर चुके इरफान खान ने कहा कि वह हमेशा खुद से जुड़े लेबल को हटाने की कोशिश करते हैं। 50 साल के अभिनेता ने कहा कि यह उनके लिए मायने नहीं रखता कि उन्हें अभिनेता बुलाया जाता है या स्टार। उनकी हालिया प्रदर्शित फिल्म ‘हिंदी मीडियम’ को ठीकठाक प्रतिक्रिया मिल रही है। इस फिल्म में उनके साथ पाकिस्तानी अभिनेत्री सबा कमर भी हैं। यह फिल्म किसी बड़े निर्माता या निर्देशक की नहीं थी इसलिए पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर हंगामा करने वाले राजनीतिक दलों और संगठनों की नजर इस फिल्म पर नहीं पड़ी वरना प्रदर्शन से पहले यह फिल्म भी विवादों में पड़ जाती।

बॉलीवुड में आज के परिदृश्य पर इरफान कहते हैं कि यदि आपकी मेहनत को सराहा जाये तो निश्चित रूप से खुशी होती है लेकिन जब कड़ी मेहनत से बनायी गयी फिल्म नहीं चल पाती तो पूरी टीम को निराशा होती है। वह कहते हैं कि अगर आप कुछ नया नहीं कर पा रहे हैं तो आपकी प्रतिभा लगभग मर चुकी है। मैं यहां चीजों को नये सिरे से परिभाषित करने के लिए हूं और मुझे कुछ भी बुलाया जाए, मैं उसे दोबारा परिभाषित करूंगा। इरफान कहते हैं कि अभिनय को लेकर उनमें हमेशा से जुनून रहा है और इसी वजह से वह हमेशा कुछ नया करना चाहते हैं। मीरा नायर की ‘सलाम बॉम्बे’ से अपने फिल्मी सफर की शुरूआत से लेकर हॉलीवुड फिल्म ‘इंफर्नो’ तक के अपने सफर में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता ने हिंदी फिल्म उद्योग और हॉलीवुड में भी अपनी एक पहचान बनायी है। लेकिन इरफान का कहना है कि वह कलाकार के तौर पर नियमों का पालन करने में अब भी संघर्ष करते हैं।

वह कहते हैं कि हम सामाजिक प्राणी हैं, हम हमेशा एक सांचे में फिट होने की कोशिश करते हैं। मैं अब भी कोशिश कर रहा हूं। जैसे जैसे आपका विकास होता है, आप एक खास तरीके से खुद को चलाने के लिहाज से ढल जाते हैं। इरफान अब अपनी नयी हॉलीवुड फिल्म ‘पजल’ की शूटिंग शुरू करने के लिए हॉलीवुड जाने की तैयारी कर रहे हैं। ‘लिटिल मिस सनशाइन’ फिल्म के निर्माता इसका निर्माण कर रहे हैं।

लाइफ इन ए–मेट्रो, दिल कबड्डी, पान सिंह तोमर और लंच बॉक्स जैसी फिल्मों में अपने अभिनय की छटा बिखेरने वाले इरफान अपनी हर फिल्म में कुछ न कुछ नया करना चाहते हैं। पसंदीदा भूमिकाओं के बारे में पूछने पर वह कहते हैं कि अंत कतई नहीं है। एक अभिनेता अपने पूरे कैरियर में कभी संतुष्ट नहीं होता क्योंकि अभिनय के कई पहलू हैं। यह तो केवल एक शुरूआत है। इरफान खान बॉलीवुड के उन चुनिंदा अभिनेताओं में शुमार हैं जिन्होंने हॉलीवुड में भी अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। आजकल बॉक्स आफिस पर सफलता की नई परिभाषा से इत्तेफाक नहीं रखने वाले इरफान सिर्फ अपने काम में ध्यान लगाना ही पसंद करते हैं। वह कहते हैं कि एक फिल्म पूरी करने के बाद उसके प्रदर्शन पर निगाह रखने से ज्यादा मेरा ध्यान अपने अगले रोल को और बेहतर बनाने पर रहता है।

इरफान को चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं खासकर इतिहास से जुड़ी बहुत पसंद हैं क्योंकि वह मानते हैं कि ऐतिहासिक किरदारों को जीने से आपके जीवन को भी नई दिशा मिलती है। वह किसी खास गुट से बंध कर नहीं रहते और अपने को स्टार भी नहीं मानते। वह कहते हैं कि मैं एक अभिनेता हूं और बस इतना ही चाहता हूं कि लोग मेरी फिल्में देखें। मुझे कोई परवाह नहीं कि मैं एक मनोरंजनकर्ता हूं या प्रस्तोता, कोई अभिनेता हूं या स्टार, यह परवाह मुझे तब तक नहीं है जब तक दर्शकों को मेरा किया काम पसंद आ रहा है।

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