उत्तराखंड में बनाए गए 12 पी माइनस थ्री पोलिंग स्टेशन, तीन दिन पूर्व रवाना होंगी पोलिंग पार्टियां
विषम भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य में 12 पी माइनस थ्री पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इनमें 11 पोलिंग स्टेशन उत्तरकाशी जिले और एक पिथौरागढ़ जिले में है।
देहरादून। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डाॅ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदेय स्थलों पर भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश के अनुसार सभी व्यवस्थाएं सुचारु रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा, राज्य में 12 पी माइनस थ्री पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। जिला मुख्यालय से इनमें मतदान से तीन दिन पहले पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा, लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 के लिए विषम भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य में 12 पी माइनस थ्री पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इनमें 11 पोलिंग स्टेशन उत्तरकाशी जिले और एक पिथौरागढ़ जिले में है।
उत्तरकाशी जिले के पी माइनस थ्री पोलिंग स्टेशन पुरोला विधानसभा क्षेत्र में राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय कलाप, राजकीय प्राथमिक विद्यालय लिवाड़ी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय कासला, राजकीय प्राथमिक विद्यालय राला, राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय फिताड़ी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय ओसला।
सरकारी भवन में ठहर सकेंगे मतदानकर्मी
राजकीय प्राथमिक विद्यालय पवाणी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय गंगाड, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बरी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय सेवा और राजकीय प्राथमिक विद्यालय हडवाडी हैं, जबकि पिथौरागढ़ जिले के धारचूला विधानसभा क्षेत्र में राजकीय प्राथमिक विद्यालय कनार भी पी माइनस थ्री पोलिंग स्टेशन में शामिल किया गया है।
पी माइनस थ्री पोलिंग स्टेशनों के लिए पोलिंग पार्टियां ईवीएम और अन्य चुनाव सामग्री लेकर तीन दिन पहले पोलिंग स्टेशनों के लिए रवाना होंगी। पहली रात को मतदानकर्मी सरकारी भवन में ठहर सकेंगे। इसकी जानकारी उन्हें सभी राजनीतिक दलों के लोगों को देनी होगी। ताकि वह ईवीएम और अन्य चुनाव सामग्री के बारे में निगरानी रख सकें।
लोकतंत्र के इस महापर्व में हर मतदाता को मतदान का अधिकार मिले, इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले मतदाताओं को मतदान के अधिकार का प्रयोग करने के लिए निकटवर्ती स्थानों पर मतदान केंद्र बनाए हैं। ये वो पोलिंग स्टेशन हैं जो बर्फीले, अति विषम भौगोलिक परिस्थितियों और पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित हैं।