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चमोली में सुरंग के भीतर से निकाले गए 3 शव, बचाव कार्य जारी

चमोली। उत्तराखंड के चमोली में 7 फरवरी को आई जल प्रलय ने भयंकर तबाही मचाई है। इस तबाही की तपोवन में दो पावर प्रोजेक्ट्स पूरी तरह से बर्बाद हो गए। तपोवन में NTPC के पावर प्रोजेक्ट की टनल में अभी तक बचाव कार्य जारी है। यहां एक टनल में 35 से 40 लोगों के फंसे हुए होने की संभावना है। आज रात इस टनल में से 3 शव बरामद किए गए हैं, जिसके बाद इस टनल में अब लोगों के जिंदा मिलने की संभावना बेहद कम है। चमोली की डीएम स्वाती भदौरिया ने बताया कि तपोवन में खोज और बचाव अभियान आज सुरंग से शवों की बरामदगी के बाद अभियान तेज कर दिया गया है।

BRO महानिदेशक ने जोशीमठ में चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की

सीमा सड़क संगठन (BRO) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने उत्तराखंड के जोशीमठ में पिछले हफ्ते ग्लेशियर टूटने के कारण आई बाढ़ के बाद चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की शनिवार को समीक्षा की। बाढ़ के कारण तपोवन विष्णुगाड विद्युत परियोजना सुरंग के भीतर 30 से अधिक लोग फंसे हो सकते हैं। आधिकारिक बयान में कहा गया कि राहत, बचाव एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा करने के लिए चौधरी ने जोशीमठ सेक्टर का दौरा किया ।

यूपी के 64 लोग अभी भी लापता
उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में सात फरवरी को हुये हिमस्खलन की चपेट में आने से उत्तर प्रदेश के 64 लोग अभी भी लापता हैं जबकि पांच की मौत हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा, “उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में ग्लेशियर फटने से 13 फरवरी तक पांच लोगों की मौत हो गई है, जबकि 64 लोग अभी भी लापता हैं, जबकि राज्य के 23 लोगों को बचा लिया गया है।”

मृतकों की पहचान लखीमपुर खीरी के अवधेश (19), अलीगढ़ के अजय शर्मा (32), लखीमपुर खीरी के सूरज (20), सहारनपुर निवासी विक्की कुमार और लखीमपुर खीरी के विमलेश (22) के रूप में हुई है। बयान के मुताबिक, लापता हुए 64 लोगों में से 30 लखीमपुर खीरी के हैं। इसके बाद सहारनपुर के 10, श्रावस्ती के पांच , गोरखपुर के चार, रायबरेली और कुशीनगर के दो-दो और सोनभद्र, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, मिर्जापुर, मथुरा, गौतमबुद्ध नगर, देवरिया,चंदौली, बुलदंशहर, आजमगढ़ और अमरोहा के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।

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