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अंतिम पग पार कर भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा बने 341 जांबाज

देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में पासिंग आउट परेड में अंतिम पग पार करने के बाद 341 युवा अफसरों की टोली देश पर मर-मिटने की शपथ लेकर आज भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा बन गई।

ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड शुरू हुई। सेना के दक्षिण-पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ले. जनरल आरपी सिंह ने बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर परेड का निरीक्षण कर पास जेंटलमैन कैडेट्स से सलामी ली। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार भी परेड सादगी से आयोजित हुई।

बारिश की वजह से आज शनिवार को पासिंग आउट परेड दो घंटे की देरी से शुरू हुई। डिप्टी कमांडेंट जगजीत सिंह ने परेड की सलामी ली। कमांडेंट हरिंदर सिंह ने परेड की सलामी ली। जिसके बाद ले. जनरल आरपी सिंह परेड स्थल पहुंचे और परेड की सलामी ली।

पिछली बार की तरह इस बार भी कैडेट्स के परिजन पासिंग आउट परेड नहीं देख पाए।परेड के उपरांत आयोजित पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद 425 जेंटलमैन कैडेट्स बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए। इनमें 341 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिले।

जबकि, 84 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, श्रीलंका, वियतनाम, टोंगा, मालदीव और किर्गिस्तान की सेना का अभिन्न अंग बने। इसके बाद देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 62 हजार 987 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया है। इनमें मित्र देशों को मिले 2587 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।

कोरोना संकट के चलते पासिंग आउट परेड में तमाम स्तर पर एहतियात बरती गई। न केवल दर्शक दीर्घा बल्कि परेड के दौरान भी शारीरिक दूरी के नियमों का पूरा पालन किया गया।

हर मार्चिंग दस्ते में अमूमन दस कैडेट एक लाइन में होते हैं, पर इनकी संख्या आठ रखी गई। ताकि कैडेटों के बीच रहने वाली 0.5 मीटर की दूरी के बजाए दो मीटर की दूरी बनी रहे। इसके अलावा जेंटलमैन कैडेटों के साथ ही सभी सैन्य अधिकारी भी मास्क पहने रहे।

पीओपी के मद्देनजर अकादमी के आसपास सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है। चप्पे-चप्पे पर सेना के सशत्र जवान तैनात हैं। पासिंग आउट परेड के दौरान शनिवार सुबह छह बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक पंडितवाड़ी से लेकर प्रेमनगर तक जीरो जोन है। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग-72 (चकराता रोड) से गुजरने वाला यातायात प्रेमनगर व बल्लूपुर से डायवर्ट है।

उत्तराखंड के 37 युवा बने अफसर
मातृभूमि की रक्षा के लिए वीरभूमि के युवा हमेशा से आगे रहे हैं। सेना में सिपाही का रैंक हो या फिर अधिकारी सभी में उत्तराखंड का दबदबा कायम है। इस बार भी वीरभूमि के 37 युवा भारतीय सेना में अफसर बने हैं। इस बार पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के 66 और हरियाणा के 38 कैडेट्स पास आउट हो रहे हैं।

राज्यवार कैडेटों की संख्या
राज्य  –  कैडेट
उत्तर प्रदेश  –  66
हरियाणा  –  38
उत्तराखंड –   37
पंजाब –   32
बिहार    29
जम्मू कश्मीर   – 18
दिल्ली  –  18
महाराष्ट्  –  16
हिमाचल प्रदेश  –  16
राजस्थान  –  16
मध्य प्रदेश –   14
पश्चिम बंगाल   – 10
केरल  –  07
कर्नाटक –   07
झारखंड  –  05
मणिपुर   – 05
तेलंगाना   – 02
गुजरात   – 01
गोवा  –  01
उड़ीसा –   01
तमिलनाडु  –  01
आंध्र प्रदेश  –  01
लद्दाख   – 01
चंडीगढ़   – 01
असम  –  01
मिजोरम –   01

 

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