6 माह की प्रेग्नेंट रेप पीड़िता को हाईकोर्ट ने दी गर्भपात की इजाजत
पटना। पटना हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए 16 साल की रेप पीड़िता को गर्भपात कराने की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने राज्य स्वास्थ्य विभाग और पटना-एम्स को पीड़िता के 24 हफ्ते यानी 6 महीने के गर्भ को गिराने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टर्स ने गर्भपात की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने बुधवार रात 10 बजे यह आदेश दिया। कोर्ट के आदेश पर लड़की की स्वास्थ्य जांच की गई थी। जिसके बाद डॉक्टर्स ने बताया था कि लड़की की और बच्चे की हालत सामान्य है। जिसकी वजह से दवाईयों के जरिए गर्भपात कराया जा सकता है।
एम्स-पटना के निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने शुक्रवार को कहा कि लड़की को दवाइयों का मिश्रण दिया जा रहा है जिससे संभवत: रविवार तक गर्भपात हो जाएगा। इस फैसले के लिए कोर्ट ने अपने तय सीमा से ज्यादा समय तक सुनवाई की। अमूमन कोर्ट पांच बजे बंद हो जाता है लेकिन इस केस में जस्टिस दिनेश ने रात 10 बजे तक सुनवाई की और पीड़िता को गर्भपात की इजाजत दी। यह पहली बार है जब पटना हाईकोर्ट ने ऐसा फैसला दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद आधी रात से पहले आदेश को स्वास्थ्य विभाग और एम्स भेजा दिया गया था।
इस मामले में 16 साल की नाबालिग एक बेहद ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है। उसका मसरख पुलिस स्टेशन क्षेत्र में विकास शाह नाम के शख्स ने रेप किया था। डर की वजह से उसने यह बात किसी को नहीं बताई लेकिन दो महीने बाद पीड़िता ने पिता को आपबीती बताई। जिसके बाद 24 अक्टूबर 2017 को पिता ने आरोपी के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई। कोर्ट ने पीड़िता का नाम कोर्ट की बेवसाइट से हटाने और सभी दस्तावेजों से छुपाने के लिए कहा है। कोर्ट ने उसे मिस एबी का नाम दिया है। साथ ही राज्य सरकार को 3 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है।