भ्रष्ट सरकार के भ्रष्ट अधिकारी, जैसा देखते हैं मन्दिर वैसा ही बजाने लगते हैं घन्टा.. जब अधिकारी ही नही: आज़ाद अली
देहरादून। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार चरम पर है। राज्य सरकार के मंत्री से लेकर अधिकारी तक भ्रष्टाचार में लिप्त नज़र आ रहे हैं। अगर प्रशासन में मौजूद अधिकारी अपने मन से ठीक काम करना भी चाहें तो सरकार के मंत्रियों द्वारा उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है। ये कहना है उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश सचिव आज़ाद अली का। आज़ाद अली ने राज्य सरकार के मंत्रियों पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। आलम ये है कि अधिकारी अगर स्वेच्छा से कोई ठीक काम करना भी चाहे तो उन्हें सरकार के मंत्रियों के कोपभाजन का शिकार बनना पड़ता है। मजबूरन अधिकारी भी भ्रष्टाचार की कड़ी का हिस्सा बन रहे हैं।
उन्होंने एनएच 74 चौड़ीकरण घोटाले की जांच करने वाले आइएएस अधिकारी और शासन में सचिव डी सेंथिल पांडियन का हवाला देते हुए कहा कि आइएएस अधिकारी पांडियन ने खुद व परिवार को खतरे की आशंका जताई है। उन्होंने कार्मिक विभाग को पत्र लिखकर अपने और परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया है। कार्मिक विभाग की ओर से इस पर गृह विभाग को पत्र भेजकर सचिव व उनके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा गया है। हालांकि, प्रमुख सचिव गृह आनंद वर्द्धन ने फिलहाल इस प्रकार के किसी पत्र के मिलने से इनकार किया।
आज़ाद अली ने सवाल उठाया कि आखिर पांडियन को किस से खतरा है? उन्होंने आरोप लगाते हुए मेडिया से कहा कि प्रशासन में ज्यादातर अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और जो नहीं हैं वे खतरे के साये में जीने को विवश हैं। आज़ाद अली ने एनएच 74 घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि सचिव डी सेंथिल पांडियन ने इसी वर्ष एनएच 74 चौड़ीकरण के लिए ली गई भूमि के मुआवजे घोटाले का पर्दाफाश किया था।
आज़ाद अली ने हैरानी जताते हुए कहा कि इस मामले में अभी तक सात पीसीएस अधिकारी निलंबित चल रहे हैं। इसके अलावा निचले स्तर पर भी कई कर्मचारियों पर गाज गिरी है। एक एसडीएम का पेशकार भी गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स इसकी जांच कर रही है। इस मामले की सीबीआइ जांच की संस्तुति करने के कुछ दिन बार सरकार ने डी सेंथिल पांडियन को आयुक्त कुमाऊं के पदभार से मुक्त करते हुए शासन में सचिव का दायित्व सौंपा था।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार किस हद तक हावी है ये उसकी बानगी मात्र है। आज़ाद अली ने एनएच 74 घोटाले की जांच की बात करते हुए कहा कि मामले में जांच आगे बढ़ने के साथ ही इसमें लिप्त लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इस बीच सचिव डी सेंथिल पांडियन ने कार्मिक विभाग को पत्र लिखकर अपने व परिवार पर खतरे की आशंका जताई है, जिससे मामले की गंभीरता को साफतौर पर समझा जा सकता है।
आज़ाद अली ने विधानसभा स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि अग्रवाल ने हाल ही में अपने पद और रसूख का गलत फायदा उठाते हुए एक मामले में प्रशासन के आलाअधिकारी को धमकाया। ये मामला सुर्खियों में भी छाया रहा। वाक़ई सरकार और उनके मंत्रियों का रवैया हैरान करने वाला है। आज़ाद अली ने कहा कि मजबूरन या स्वेच्छा से अधिकारी भी सरकार के मंत्रियों की भ्रष्टाचार की इस मुहिम में जुड़ते चले जा रहे हैं और “जैसा मंदिर नज़र आ रहा है, वैसा घण्टा बजा रहे हैं।” जो राज्य के हितों के लिए बिल्कुल बेहतर नहीं है।