बख्शे नहीं जाएंगे हिंदुओं के कातिल: भारत
नई दिल्ली। म्यांमार के रखाइन में हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। रोहिंग्या मुद्दा पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं भारत सरकार म्यांमार में मिले हिंदुओं के सामूहिक कब्रों को लेकर चिंतित है। भारत ने म्यांमार से उचित जांच करवाकर दोषियों को सजा देने की मांग की है।
म्यांमार के रखाइन में सेना की कार्रवाई और उससे रोहिंग्या समुदाय के पलायन को लेकर म्यांमार की सेना और सरकार पूरी दुनिया के निशाने पर है। इस बीच म्यांमार की सेना ने एक बड़ा दावा किया है। म्यामांर की सेना ने कहा था कि रखाइन में 28 हिंदुओं की हत्या कर दी गई है। उनकी सामुहिक कब्र मिली है। म्यांमार की सेना ने रोहिंग्या आतंकियों पर इस क्रूर अपराध का आरोप लगाया है।
इसी पर भारत ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए और इस मामले में खुद संज्ञान लेते हुए म्यांमार से जांच की मांग की है। भारत सरकार की तरफ से कहा गया है कि भारत को उम्मीद है कि म्यांमार इस अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा और उन्हें न्याय के कटघरे में खड़ा करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि म्यांमार के स्टेट काउंसिलर के कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक इन कब्रों में मिलीं सभी लाशें हिंदुओं की हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने आगे कहा कि भारत ने इस मामले से जुड़ी प्रेस रिपोर्ट देखी है और म्यांमार सरकार के बयान को भी पढ़ा है। ऐसे में भारत हर तरह के आतंकवाद का विरोध करता है। कुमार ने आगे कहा कि भारत जोर देकर कहना चाहेगा कि किसी भी तरीके से उन आतंकवाद को सही नहीं ठहराया जा सकता, जिसमें संघर्ष के दौर में आम नागरिकों को निशाना बनाया जाता हो।
हमें उम्मीद है कि म्यांमार प्रशासन अपराधियों पर उचित कार्रवाई करेगा। रवीश ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि म्यांमार सरकार आतंकवादियों को सजा देगी और पीड़ित के परिवारों को सभी संभव सहायता देगी ताकि उनमें सुरक्षा का अहसास पैदा हो और स्थिति नॉर्मल हो।
कुमार ने यह भी कहा कि भारत ने म्यांमार में प्रभावित लोगों के प्रति अपनी संवेदना पहुंचा दी है। प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। रवीश ने बताया कि भारत रोहिंग्या मामले में बांग्लादेश से भी करीबी संपर्क में है।