जांच में उलझी प्रद्युमन के मर्डर की गुत्थी
गुरुग्राम। प्रद्युम्न हत्याकांड में रायन स्कूल के छात्र के पकड़े जाने से सीबीआई और हरियाणा पुलिस की थिअरी में जमीन-आसमान का फर्क नजर आ रहा है। राज्य पुलिस और सीबीआई की जांच के अलग-अलग नतीजों के चलते लोग इसक केस की तुलना आरुषि हत्याकांड से भी कर रहे हैं। मामले से जुड़े कई ऐसे सबूत हैं जो हरियाणा पुलिस के पास भी थे, लेकिन पुलिस का नजरिया उन्हें लेकर अलग था। चाहे वह हत्या के लिए इस्तेमाल किए गए चाकू की बात हो या मर्डर के मोटिव की। इसके अलावा स्कूल प्रबंधन की भूमिका को लेकर भी दोनों की राय अलग-अलग लग रही है।
हरियाणा पुलिस ने दावा किया था कि आरोपी ड्राइवर अशोक अपनी बस में रखे टूल बॉक्स से चाकू लेकर आया था और उसी से उसने प्रद्युम्न का मर्डर किया। हरियाणा पुलिस के मुताबिक, अशोक ने हत्या के बाद बाथरूम में ही चाकू को साफ भी किया था। दूसरी तरफ सीबीआई कह रही है कि आरोपी छात्र ने एक दिन पहले चाकू खरीदा था और हत्या वाले दिन वह चाकू अपने स्कूल बैग में लेकर आया था। हत्या के बाद उसने चाकू को स्कूल के बाथरूम में ही फ्लश कर दिया था। हालांकि अभी तक वह चाकू बरामद किया गया है या नहीं, इस बारे में अभी तक सीबीआई की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है।
सीबीआई का दावा है कि उसे 11वीं के इस छात्र पर सबसे पहले शक सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद ही हुआ। हालांकि सीसीटीवी में चेहरा साफ नजर नहीं आ रहा था। ऐसे में सीबीआई ने 11वीं के सभी स्टूडेंट्स से पूछताछ की और फिर लंबी पूछताछ के बाद इस स्टूडेंट तक पहुंची। दूसरी तरफ हरियाणा पुलिस के पास भी यही सीसीटीवी फुटेज था, लेकिन पुलिस को इसमें शक करने जैसा कुछ नजर नहीं आया।
मर्डर के मोटिव को लेकर भी सीबीआई और हरियाणा पुलिस की थिअरी बिल्कुल जुदा है। एक तरफ हरियाणा पुलिस ने दावा किया है कि आरोपी कंडक्टर अशोक बाथरूम में मास्टरबेट कर रहा था और उसी दौरान वहां पहुंचे प्रद्युम्न ने उसे देख लिया। इसी वजह से अशोक ने प्रद्युम्न को मार डाला। इधर सीबीआई ने अपनी जांच में मर्डर की जो वजह बताई है, वह अपने आप में हैरान करने वाली है। यौन उत्पीड़न के ऐंगल को खारिज करते हुए सीबीआई ने दावा किया है कि परीक्षा और पैरंट्स-टीचर मीटिंग को टलवाने के लिए छात्र ने इस मर्डर को अंजाम दिया।
सीबीआई की जांच साफ इशारा करती है कि उस दिन प्रद्युम्न के साथ बाथरूम में जो कुछ हुआ, उसकी जानकारी स्कूल प्रबंधन को थी। इसके अलावा दो छात्रों के बारे में भी कहा जा रहा है कि उन्हें भी इस बारे में सब पता था, लेकिन सब मिलकर मामले पर पर्दा डालने की कोशिश में जुटे रहे। उधर हरियाणा पुलिस की जांच में स्कूल प्रबंधन शक के घेरे में तो था, लेकिन कथित लापरवाही को लेकर। 8 सितंबर को हुई इस हत्या के केस में हरियाणा पुलिस का फोकस शुरू से ही कंडक्टर अशोक पर रहा जिसने कथित तौर पर अपना अपराध कबूल भी कर लिया था। हालांकि अदालत में उसने फंसाए जाने का आरोप लगाया था।
सीबीआई सूत्रों का दावा है कि जांच एजेंसी के पास सबूत के तौर पर कुछ कॉल डीटेल्स भी हैं। जिससे छात्र द्वारा मर्डर किए जाने की बात स्थापित हो जाएगी। हरियाणा पुलिस की जांच में ऐसे किसी कॉल डीटेल की बात सामने नहीं आई।