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वित्त मंत्री ने पेश किया अंतिम पूर्ण बजट

नयी दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम चुनाव से पहले भाजपा नीत राजग सरकार के अपने अंतिम पूर्ण बजट में एक तरफ खेतीबाड़ी, ग्रामीण बुनियादी ढांचे, सूक्ष्म एवं लधु उद्यमों तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए खजाना खोल कर आम लोगों को लुभाने का प्रयास किया वहीं , वेतन भोगी लोगों और वरिष्ठ नागरिकों को कर और निवेश में राहत देने की भी घोषणाएं की।

वित्त मंत्री ने हालांकि आयकर दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया पर वेतनभोगियों के लिए 40,000 रुपए वार्षिक की मानक कटौती की जरूर घोषणा की। इससे इस वर्ग के करदाताओं को कुल मिलाकर 8,000 करोड़ रुपए का फायदा होने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं लघु उद्यमों आदि के लिए किए गए प्रावधानों को दूरगामी लाभ वाले कदम बताते हुए इसका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह ‘आम लोगों के जीवन को और सरल बनाने वाला बजट है।’ उन्होंने कहा कि ‘‘इससे हमारा भरोसा और बढ़ा है कि अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी।’’
उन्होंने वित्त मंत्री जेटली और उनकी टीम को इस अच्छे बजट के लिए बधाई दी।
लोकसभा में लगातार पांचवां बजट पेश करते हुए जेटली ने सभी कर योग्य आय पर स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया। साथ ही सामाजिक कल्याण योजनाओं के वित्त पोषण के लिये 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण अधिभार का भी प्रस्ताव किया।
उन्होंने 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये कंपनी कर 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने की भी घोषणा की। वहीं शेयरों की बिक्री से एक लाख रुपये से अधिक पूंजी लाभ पर कर लगाने का प्रस्ताव किया।  करीब दो घंटे (110 मिनट) के भाषण में जेटली ने हालांकि आयकर की दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन उन्होंने वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिये परिवहन एवं चिकित्सा व्यय के बदले 40,000 रुपये की मानक कटौती देने की जरूर घोषणा की।
वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के लिये बैंक जमा पर ब्याज से आय की छूट सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया। साथ ही मियादी जमाओं पर स्रोत पर कर कटौती नहीं होगी।
गंभीर बीमारी पर चिकित्सा व्यय सीमा बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है। बजट में शेयरों की बिक्री से एक लाख रुपये से अधिक के पूंजी लाभ पर 10 प्रतिशत कर का प्रस्ताव किया गया है लेकिन यह 31 जनवरी तक यह प्रावधान लागू नहीं होगा। साथ ही बजट में इक्विटी वाले म्यूचुअल फंड में वितरित आय पर 10 प्रतिशत कर का भी प्रस्ताव किया गया है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में उत्पाद शुल्क और सेवा कर के समाहित होने के साथ वित्त मंत्री ने केवल सीमा शुल्क में बदलाव किया। मोबाइल फोन पर जहां सीमा शुल्क बढ़ाया गया है, वहीं अप्रसंस्कृत काजू पर कम करने का प्रस्ताव किया गया है।

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