कर्नाटक चुनाव भारतीय राजनीति को नई दिशा देंगे : रामदेव
नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए वोटों की गिनती जारी है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 के नतीजों से कुछ घंटों पूर्व सोमवार (14 मई) को योगगुरु रामदेव ने बड़ी भविष्यवाणी की। रामदेव ने मीडिया से कहा- ‘‘कर्नाटक चुनाव भारतीय राजनीति को एक नई दिशा देंगे। कर्नाटक चुनाव जीतने वाले के पास 2019 में चुनाव जीतने की क्षमता होगी।” बाबा रामदेव का यह बयान इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि उन पर भारतीय जनता पार्टी की परस्ती के आरोप लगते रहे हैं और 2014 के आमचुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी का खुला समर्थन करने का एलान भी किया था।
बाबा रामदेव कई मौकोंं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़ते भी देखे गए हैं। कई मौकों पर दोनों शख्सियतों को एकसाथ भी देखा गया है। रामदेव के इस बयान के पीछे ओपिनियन पोल्स में की गई भविष्यवाणियां भी वजह हो सकती हैं। ज्यादातर ओपिनियन पोल्स में कर्नाटक में त्रिशंकू विधानसभा की भविष्यवाणी की गई है। इसमें जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) को किंग मेकर की भूमिका में बताया गया है। यानी जेडीएस जिस पार्टी के साथ जाएगी, उसकी सरकार बनेगी। एग्जिट पोल्स के नतीजे भी ओपिनियन पोल्स से मिलते-जुलते ही हैं।
एग्जिट पोल्स के नतीजे भी ओपिनियन पोल्स से मिलते-जुलते ही हैं। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक कांग्रेस की सरकार बन सकती है। कांग्रेस को 106 से 118 सीटें मिलने की बात कही जा रही है। बीजेपी के खाते में 79 से 92 सीटें जा सकती हैं। जेडीएस को 22 से 30 सीटें मिल सकती हैं। एबीपी न्यूज-सी वोटर एक्जिट पोल में बीजेपी को 97-109 सीटें मिल सकती हैं जबकि कांग्रेस को 87-99 सीटें मिल सकती हैं। जेडीएस और उसके सहयोगियों को 21-30 सीटें मिलने की बात कही गई है। एनडीटीवी के पोल ऑफ एक्जिट पोल में राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की बात कही गई है। ज्यादातर एग्जिट पोल्स के औसतन नतीजों में बीजेपी को 100, कांग्रेस को 86 और जेडीएस को 33 मिल सकती हैं।
बता दें कि देश के ज्यादातर राज्यों में सत्ता खो चुकी कांग्रेस के सामने कर्नाटक का किला बचाने की चुनौती इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि इसके जरिये 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले वह बीजेपी के कांग्रेस मुक्त अभियान का जवाब दे सकती है और कार्यकर्ताओं में फिर से विश्वास जगा सकती है। वहीं भारतीय जनता पार्टी दक्षिण की राजनीति का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक में हर हाल में एंट्री चाहती है ताकि 2019 को लेकर उसका अभियान मजबूत हो।