अस्पताल पर गंभीर आरोप, ज़िंदा बच्चे को बेचकर परिजनों को थमा दिया मृत बच्चा
देहरादून। राजधानी दून के एक नामी अस्पताल पर गंभीर आरोप लगा है। इस आरोप के अनुसार अस्पताल प्रशासन ने बच्ची बदलकर मरा बच्चा परिजनों को थमा दिया। पीड़ित परिजनों ने राजधानी के वैश्य नर्सिंग होम पर आरोप लगाया है कि उनकी बच्ची किसी और को बेचकर उन्हें मरा हुआ बच्चा दे दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को विजय पार्क निवासी एक दंपति अपनी नवजात बेटी को लेकर नर्सिंग होम पहुंचे। उपचार के दौरान उनकी बच्ची की मौत हो गई तो वह बच्ची को नालापानी क्षेत्र में दफना आए।
बच्ची को चार फीट गहरे गड्ढे में दफनाया गया था। जिसके बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि बच्ची को अस्पताल प्रबंधन ने बदल दिया है। इस पर परिजनों ने डीएनए जांच की मांग उठाई और पुलिस से शिकायत की। जब परिजन बच्ची की कब्र के पास पहुंचे तो वहां शव नहीं था।
विजय पार्क निवासी गौरव आहुजा अपनी नवजात बच्ची की तबीयत खराब होने पर उसे वैश्य नर्सिंग होम ले गए। जहां उपचार के दौरान बच्ची की मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन द्वारा गौरव को फीस जमा करने और कफन लाने के लिए भेज दिया गया। आरोप है कि गौरव कपड़ा लेकर आए, उन्होंने बच्ची का शव दिखाने को कहा तो उन्हें दिखाए बिना ही बच्चे को कपड़े में लपेट दिया गया।
अस्पताल के कर्मचारी ने खुद ही बच्ची को दफनाने की बात कही। नालापानी क्षेत्र में बच्ची को दफना दिया गया। यहां उनकी बच्ची को कागजों में एक जगह मेल दर्शाया गया और एक जगह फीमेल दर्शाया गया। जिस पर गौरव को शक हुआ। वह अगले दिन बच्ची की कब्र के पास दूध रखने पहुंचे तो कब्र खुदी हुई मिली। जिस पर उनका शक और गहरा गया।
परिजनों का आरोप है कि उनकी बच्ची को मरे हुए बच्चे से बदला गया है। डीएनए जांच के डर से ही अस्पताल प्रबंधन ने ही बच्ची का शव गायब कराया है। इस मामले में दोनों पक्षों ने तहरीर दे दी है। पुलिस ने चौकी प्रभारी नालापानी रफत अली इस मामले की जांच कर रहे हैं। रफत अली का कहना है कि अभी मामले में जांच की जा रही है, फिलहाल मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।