देहरादून। राजधानी दून के चर्चित एमकेपी महाविद्यालय बंद करवाने को लेकर छात्राओं के दो गुट आपस में भिड़ गए। दोनों गुटों में पहले तो जमकर तू-तू मैं-मैं हुई। बाद में बात गाली-गलौज और हाथापाई तक पहुंच गई। धक्का-मुक्की और मारपीट में दो छात्राएं घायल भी हो गईं। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों गुटों को शांत करवा कैंपस से बाहर किया। दोनों पक्षों की ओर से पुलिस में क्रॉस तहरीर दी गई है। छात्र संघ चुनाव के नए नियमों के विरोध में छात्र संघर्ष समिति के आह्वान पर शुक्रवार को एमकेपी कॉलेज बंद करवाने के लिए एबीवीपी और एनएसयूआइ की छात्राएं सुबह आठ बजे ही कैंपस में पहुंच गईं। उनके साथ कुछ छात्र नेता भी तालाबंदी करने पहुंचे। इस बीच एनएसयूआइ की पूर्व छात्र नेता स्वाति नेगी की समर्थक छात्रा पायल एवं कुछ अन्य छात्राओं ने महाविद्यालय बंद करने का कड़ा विरोध किया। इसी बीच स्वाति नेगी भी कॉलेज पहुंची और छात्र संघर्ष समिति से जुड़ी छात्राओं के साथ उलझ गईं। जिसके बाद महाविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष दीपाली ठाकुर एवं स्वाति नेगी के समर्थक छात्राओं में झड़प शुरू हो गई। स्वाति नेगी की समर्थक हिना परवीन, नसरीन अंसारी, पायल चौहान आदि ने संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर-पोस्टर फाड़ डाले। स्वाती की एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी एवं डीएवी के पूर्व अध्यक्ष राहुल लारा से भी जमकर बहस हुई। छात्राओं के दोनों गुटों में बहस, गाली-गलौज व हाथापाई के दौरान एनएसयूआइ की छात्रा मिताली रावत व एमकेपी की छात्रा पायल कुमारी के हाथ में चोट आई। एमकेपी पीजी कॉलेज अध्यक्ष दीपाली ठाकुर ने पुलिस के समक्ष कहा कि लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के लिए गठित समीक्षा समिति छात्रसंघ चुनावों में जबरन कड़े नियम थोप रही है। जिसका संयुक्त छात्र संघर्ष समिति विरोध कर रही है। लेकिन, कुछ बाहरी छात्राओं के दखल के कारण शांति पूर्वक चल रहे विरोध प्रदर्शन में खलल डाला गया। उधर, पूर्व छात्र नेता स्वाति नेगी ने कहा कि कॉलेज बंद होने के कारण छात्राओं की दाखिला प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। छात्राओं की पढ़ाई और कॉलेज का माहौल खराब हो रहा है। वहीं, धारा चौकी इंचार्ज कुलदीप पंत ने कहा कि एमकेपी कॉलेज की छात्राओं के दोनों गुटों की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दी गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। छात्र संघ अध्यक्ष दीपाली ने कहा कि चुनाव के नए नियमों को जबरन छात्राओं पर थोपा जा रहा है। जिसका एमकेपी की छात्राएं भी कड़ा विरोध कर रही हैं। एनएसयूआइ व एबीवीपी की छात्राओं ने कैंपस बंद करवा शांतिपूर्ण धरना दिया। लेकिन, एनएसयूआइ से बाहर हो चुकीं स्वाती नेगी अपने साथ कुछ बाहरी छात्राओं को लेकर पहुंची और मारपीट शुरू कर दी। जिसमें दो छात्राएं घायल हुई हैं। छात्र गुटों में झड़प व खूनी संघर्ष के लिए बदनाम डीएवी कॉलेज की राह पर एमकेपी भी चलता दिखाई दे रहा है। इससे पूर्व वर्ष 2017 में छात्र संघ चुनाव परिणाम घोषित करने के दौरान भी छात्राओं ने हंगामा काटा था। जिससे परिणाम रात करीब एक बजे घोषित हो गाए। अब एमकेपी में भी छात्र राजनीति के चलते झड़प और मारपीट होना आम हो गया है।