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हैवानियतः श्‍लोक न पढ़ने पर बच्‍चों के प्राइवेट पार्ट्स को मांझे से कसा

पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में 2 बच्चों के श्लोक ठीक से नहीं पढ़ पाने पर स्कूल टीचर ने बच्चों को टॉर्चर करने का ऐसा तरीका निकाला कि बच्चे अस्पताल पहुंच गए और टीचर जेल। दरअसल स्कूल टीचर ने बच्चों के प्राइवेट पार्ट को पतंग उड़ाने वाले मांझे से कस दिया, जिससे बच्चों के प्राइवेट पार्ट में चोट आयी है और उनकी तबीयत बिगड़ गई। बाद में बच्चों के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी अध्यापक को गिरफ्तार कर लिया है। मामला पुणे के गणेश वेद पाठशाला का है, जोकि एक आवासीय स्कूल है। इस स्कूल में वैदिक शिक्षा दी जाती है। द टेलीग्राफ की एक खबर के अनुसार, स्कूल में पढ़ने वाले 2 बच्चे जिनकी उम्र 9 साल और 10 साल की है, वह रात के खाने से पहले श्लोक नहीं पढ़ सके।

इस बात से स्कूल के टीचर सुधीर कुलकर्णी (44 वर्षीय) बेहद नाराज हुए और उन्होंने बच्चों को सजा देने के लिए उनके प्राइवेट पार्ट को मांझे से कस दिया और फिर बच्चों की पिटाई भी की। मांझा, जो कि कांच और गोंद का मिश्रण होता है, उससे बच्चों के प्राइवेट पार्ट में चोट पहुंची और उन्हें बुखार आ गया। टॉर्चर का शिकार होने वाले दोनों बच्चे चचेरे भाई हैं और महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले हैं। बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर जब परिजन स्कूल पहुंचे तो बच्चों ने उन्हें आप-बीती सुनायी।

इसके बाद परिजनों ने इस मामले की शिकायत पुलिस में की। शिकायत मिलने पर पुलिस ने आरोपी टीचर को शुक्रवार शाम को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि टीचर के बच्चों को पढ़ाई के नाम पर टॉर्चर करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। साल 2009 में घटित हुए ऐसे ही एक मामले में तो पीड़ित छात्रा की मौत भी हो गई थी। दरअसल उत्तरी दिल्ली के नरेला में स्थित एक प्राइमरी स्कूल में अध्यापिका ने एक बच्ची को इंग्लिश के अक्षर ना पढ़ पाने के कारण पहले तो काफी पीटा, इसके बाद बच्ची को धूप में एक घंटे तक खड़ा रखा गया, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई और बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। बाद में पुलिस ने आरोपी टीचर को गिरफ्तार कर लिया था।

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