‘मी टू’ अभियान को लेकर अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने किया बडा़ खुलासा
शहाणे ने बताया, ‘‘मैंने अपनी पूरी जिंदगी लोकल ट्रेन और बसों में सफर करते हुए बितायी है। यात्रा के दौरान आपको पता होता है कि कोई आपको छूकर, आपके स्तन को दबाकर निकल जाएगा या ऐसा ही कुछ और करेगा। यह फर्क नहीं पड़ता है कि आप किस उम्र की हैं, शादीशुदा हैं या गर्भवती हैं। यह कभी न खत्म होने वाली सूची है। अभिनेत्री लगातार सामाजिक मामलों पर अपने विचार व्यक्त करती रही हैं। वह हाल ही में सीने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन की परामर्श समिति की सदस्य भी नियुक्ति की गई। यह समिति फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के मामलों को देखती है।” अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद फिल्म उद्योग की कई कलाकारों ने ‘मी टू’ की कहानी साझा की है। आलोक नाथ, साजिद खान, सुभाष घई, कैलाश खेर और रजत कपूर जैसी फिल्म उद्योग की बड़ी हस्तियों पर यौन उत्पीड़न और कुछ मामलों में बलात्कार के आरोप लगे। शहाणे ने कहा कि उन्होंने फिल्म उद्योग के भीतर यौन उत्पीड़न नहीं झेला लेकिन यह सिर्फ भाग्य की बात हो सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी को पता है कि एक बार जब वह (आलोक नाथ) शराब के नशे में डूबते हैं तो वह बिल्कुल एक अलग तरह के इंसान बन जाते हैं। जब मैंने संध्या मृदुल की कहानी पढ़ी तो मैंने सोचा कि कम से कम आलोकनाथ ने यह स्वीकार तो किया। लेकिन हम यह देखते आए हैं और उनका व्यवहार लगातार वैसा ही रहता आया है। मुझे पार्टी करना ज्यादा पसंद नहीं है। इसलिए मेरा अनुभव उनके साथ वैसा नहीं रहा।’ अभिनेत्री ने कहा कि राजश्री अपने फिल्म के सेट पर कड़ा अनुशासन बनाकर रखता था। जब शहाणे से पूछा गया कि कुछ लोग इस आंदोलन के बारे में कह रहे हैं कि यह ‘सार्वजनिक लिंचिंग’ है और निर्दोष पुरुष भी इसमें फंस रहे हैं तो शहाणे ने इस पर असहमति जतायी। उनका कहना है कि कोई भी निर्दोष को जेल भेजना नहीं चाहता है। यह आंदोलन इसलिए उभर कर आया क्योंकि कानूनी प्रक्रिया बेहद लंबी है।