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एक और महिला ने लगाया अकबर पर यौन शोषण का आरोप

नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर शुरू हुए मी टू कैंपेन के दौरान कई महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। अब इस कड़ी में एक और नया नाम जुड़ गया है। नैशनल पब्लिक रेडिया की चीफ बिजनेस एडिटर और अमेरिका में रहने वाली महिला पत्रकार पल्लवी गोगोई ने एमजे अकबर पर रेप आरोप लगाया है। द वाशिंगटन पोस्ट में लिखी अपनी आपबीती में उन्होंने कहा, “एमजे अकबर, जो कि एशियन एज अखबार के एडिटर इन चीफ थे, ने मुझे अपना शिकार बनाने के लिए अपने पद का इस्तेमाल किया। आज मैं जो शेयर कर रही हूं, वो मेरी जिंदगी की सबसे दुखद याद है। इस याद को मैं 23 साल से भूलने की कोशिश कर रही हूं। दो दशक पहले मैंने अपने दो दोस्तों को यह कहानी बताई थी। उसी समय अपने पति से भी इसे शेयर किया था। एमजे अकबर ने मेरे साथ जयपुर में रेप किया था।”

वे लिखती हैं, “मेरी उम्र उस समय 22 साल थी और मैं एशियन एज में काम करने गई थी। यहां महिलाओं की काफी ज्यादा संख्या थी। ज्यादातर काॅलेज पासआउट थीं। हमें उस समय पत्रकारिता की बेसिक चीजों की भी पूरी तरह समझ नहीं थी। लेकिन हमें एमजे अकबर के अंडर में दिल्ली में काम करने का मौका मिला था। अकबर काफी प्रसिद्ध थे। राजनीति से संबंधित दो किताबों के लेखक थे और एक संपादक भी। उनकी उम्र उस समय करीब 40 वर्ष थी। वे हमारी कॉपी की जांच करते थे और गलतियों को लाल पेन से घेर देते थे। उसे डस्टबीन में फेंक देते थे। ऐसा शायद ही कोई दिन होता था, जब वे ऊंची आवाज में हमें नहीं बोलते थे। हम कभी-कभार ही उनके द्वारा बताए गए मानकों पर खरा उतरते थे। वे अपशब्दों का भी प्रयोग करते थे। लेकिन मैं सोचती थी कि आखिर कुछ सीख तो रही हूं।”

वे आगे लिखती हैं, “23 साल की उम्र में मैं ओपी-ईडी पेज की संपादक बन गई। मुझे टॉप कॉलमनिस्ट, बड़े राजनेता, समाज के प्रबुद्ध लोगों जैसे जसवंत सिंह, अरूण शौरी, नलिनी सिंह को फोन करना होता था। यह मेरे लिए छोटी उम्र में एक बड़ी जिम्मेदारी थी। लेकिन उस नौकरी की मुझे बड़ी कीमत चुकानी पड़ी, जिससे मैं काफी प्यार करती थी। 1994 की बात है। मैं उनके आॅफिस में गई। उनका दरवाजा अक्सर बंद रहता था। मैं उन्हें अपना पेज दिखाने गई थी। उन्होंने मेरे कार्य की सराहना की और अचानक मुझे किस करने लगे। मैं शर्मिंदगी, लाल चेहरे और उलझन के साथ बाहर निकली। मेरी दोस्त आज भी मुझे बताती है कि उस दिन मेरा चेहरा कैसा हो गया था? जब उसने पूछा कि क्या हुआ? मैंने तुरंत उससे पूरी बात शेयर की।”

पल्लवी लिखती हैं, “कुछ महीनों बाद दूसरी घटना हुई, जब मुझे मैगजीन के लॉन्च के लिए मुंबई बुलाया गया था। उन्होंने ताज होटल के अपने कमरे में मुझे मैगजीन के ले-आउट को देखने के लिए बुलाया। जब उन्होंने यहा दुबारा मुझे किस करने की कोशिश की तो मैंने उन्हें धक्का दे दिया। उन्होंने मेरे चेहरे पर खरोच लगा दी। मैं रोते हुए दौड़कर बाहर निकली। उस शाम, मैंने खरोंच के बारे में पूछे जाने पर एक दोस्त को बताया कि होटल में गिर गई थी। जब मैं दिल्ली आयी तो अकबर ने मुझे धमकी दी कि यदि मैंने किसी तरह का विरोध किया तो वे नौकरी से निकाल देंगे। लेकिन मैंने अखबार नहीं छोड़ा। मैं सुबह आठ बजे आती थी। मेरे लक्ष्य 11 बजे तक ओपी-ईडी पेज को तैयार करना रहता था।”

पल्लवी ने लिखा, “बांम्बे वाली घटना के कुछ दिन बाद एक स्टोरी को कवर करने के सिलसिले में मुझे दिल्ली से सैंकड़ाे किलोमीटर दूर एक गांव में जाना पड़ा। इस एसाइनमेंट को जयपुर में पूरा करना था। अकबर ने मुझे जयपुर के होटल के एक कमरे में स्टोरी पर चर्चा करने के लिए बुलाया। यहां उन्होंने मेरे साथ रेप किया। होटल के कमरे में मैं काफी देर तक उनसे लड़ी, लेकिन वे शारीरिक रूप से मुझसे मजबूत थे। उन्होंने मेरे कपड़े फाड़ दिए और मेरे साथ जबरदस्ती की। मैं पुलिस में शिकायत करने की जगह शर्म से भर गई। तब मैंने इसके बारे में किसी को नहीं बताया था। क्या उस समय मेरे उपर कोई विश्वास करता? मैं खुद को दोषी ठहराया। मैं उस होटल के कमरे में अाखिर क्यों गई? कुछ महीनों तक वह मुझे सेक्सुअली और इमोशनली प्रताडि़त करते रहे। यदि वे मुझे किसी पुरुष सहकर्मी से बात करते हुए देख लेते थे तो डांट देते थे। यह काफी डरावना था।”

महिला पत्रकार लिखती हैं, “मैं अक्सर रिपोर्टिंग असाइनमेंट देखती थी। दिसंबर 1994 में मैंने कर्नाटक के एक बड़े नेता का इंटरव्यू लिया था। इसके बाद अकबर ने कहा था कि वो मुझे ईनाम के तौर पर या तो अमेरिका भेजेंगे या इंग्लैंड। मुझे दोनों देश में काम करने का वीजा मिल गया। मैं लंदन गई। मैंने यह सोचा कि अब यह रूकना चाहिए क्योंकि मैं दिल्ली ऑफिस से दूर रहूंगी। लेकिन सच्चाई यह थी कि वह मुझे इसलिए दूर भेजना चाहते थे कि मुझे किसी तरह से बचाव का मौका नहीं मिल सके। जब भी वे शहर में आए, मुझे अपना शिकार बना सकें। लंदन ऑफिस में एक बार काम करने के दौरान उन्होंने मुझे एक पुरुष सहकर्मी से बात करते हुए देख लिया था और काफी गुस्सा हुए थे। डेस्क से सारी चीजें उठाकर फेंक दी। मेरे उपर हाथ उठाया। मैं आॅफिस से भागकर एक पार्क में जाकर छिप गई। अगले दिन मैंने अपनी दोस्त को इसकी जानकारी दी। मैं शरीरिक, भावनात्मक और मानसिक रूप से टूट चुकी थी। मैं जानती थी कि मुझे लंदन से बाहर जाना पड़ेगा। मैंने अपनी दोस्त को बताया कि मैं इस दुख से भागना चाहती हूं।

पल्लवी ने लिखा, ” मेरे पास अमेरिका के लिए विदेशी संवाददाता का एक वीजा था। वहां कुछ वरिष्ठ संपादक थे, जिनके साथ मैं काम कर सकती थी। लेकिन अकबर ने तत्काल मुझे मुंबई वापस बुला लिया। तब मैंने नौकरी छोड़ दी। यह मेरे लिए अच्छा था। मुझे न्यूयॉर्क में रिपोर्टिंग अस्सिटेंट की एक नौकरी मिल गई।” वहीं, इस आरोप पर एमजे अकबर के वकली संदीप कपूर ने कहा, “मेरे क्लाइंट ने कहा कि ये आरोप पूरी तरह झूठे हैं।”

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