दूसरों की लिखावट से बनाएं अपना भविष्य उज्जवल
किसी भी इंसान के व्यक्तित्व के बारे में जानने के लिए जरूरी नहीं है कि व्यक्ति को करीब से ही जाना जाए। उसकी लिखावट भी उसके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ बयां करती है। जहां एक ओर हैंडराइटिंग पढ़कर आप न सिर्फ लोगों के बारे में बारीकी से जान सकते हैं, बल्कि एक ग्राफोलॉजिस्ट बनकर अपना एक उज्ज्वल भविष्य भी देख सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में:-
क्या होता है काम:
एक ग्राफोलॉजिस्ट का मुख्य काम लोगों की लिखावट को पहचान कर व समझ कर उस व्यक्ति के व्यक्तित्व का आकलन करना होता है। आम भाषा में लोग इन्हें हैंडराइटिंग एक्सपर्ट कहकर भी बुलाते हैं। एक ग्राफोलॉजिस्ट अपने काम के दौरान बेहद बारीकी से किसी व्यक्ति की लिखावट का अध्ययन करता है। वह न सिर्फ व्यक्ति के सिग्नेचर, बल्कि उसके लिखने के स्टाइल, शब्दों को बनाने का तरीका व शब्दों के बीच गैप आदि जैसी छोटी बातों को भी ध्यान में रखता है और उस व्यक्ति के बारे में वह सब जानकारी मुहैया कराता है, जिसे आसानी से पता लगा पाना लगभग असंभव होता है।
स्किल्स:
एक बेहतरीन ग्राफोलॉजिस्ट बनने के लिए व्यक्ति का अपने काम में माहिर होना बेहद आवश्यक है। साथ ही उसके भीतर साइकोलॉजिकल सेंस भी होनी जरूरी है। इसके अतिरिक्त अपने काम की बारीकियों को सीखने में अच्छी कम्युनिकेशन स्किल, इंटेलिजेंस व छोटी से छोटी बात को नोटिस करने की क्षमता व लोगों को एनालिसिस करना आना चाहिए।
योग्यता:
इस क्षेत्र में कदम बढ़ाने के लिए यूं तो अलग से कोई प्रोफेशनल कोर्स उपलब्ध नहीं है। यह विधा फोरेंसिक साइंस के भीतर ही सिखाई जाती है। लेकिन आजकल इनकी बढ़ती डिमांड को देखते हुए बहुत से संस्थानों में हैंडराइटिंग विधा को सिखाने के लिए शॉर्ट टर्म व डिप्लोमा कोर्स करवाया जाता है। इन कोर्स के माध्यम से आप हैंडराइटिंग की बारीकी को आसानी से सीख सकते हैं।
संभावनाएं:
एक ग्राफोलॉजिकल एक्सपर्ट के लिए काम की कोई कमी नहीं है। सबसे पहले तो कॉरपोरेट सर्विसेज में ग्राफोलॉजिकल की सेवाएं ली जाती हैं ताकि वह कंपनी के लिए एक सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति को हायर कर सकें। इसके अतिरिक्त फोरेंसिक डिपार्टमेंट में केसेज को सुलझाने में भी इनकी अहम भूमिका होती है। वहीं एक ग्राफोलॉजिकल एक्सपर्ट कोर्ट, पुलिस डिपार्टमेंट, स्कूल्स, कॅरियर गाइडेंस सेक्टर यहां तक कि सही लाइफ पार्टनर चुनने में भी काफी हद तक सहायक होते हैं क्योंकि वह अपने स्किल्स का प्रयोग करके व्यक्ति स्वभाव व उसके व्यक्तित्व के बारे में गहराई से पता लगा सकते हैं।
आमदनी:
एक ग्राफोलॉजिस्ट की आमदनी मुख्य रूप से उसके स्किल्स पर निर्भर करती है। अगर आप अपने काम में अभ्यस्त हैं तो आप प्रतिघंटे 500 रूपए तक कमा सकते हैं। इसके अतिरिक्त शुरूआती दौर में ही एक ग्राफोलॉजिस्ट 20000 से 40000 रूपए प्रतिमाह की आमदनी कर सकता है।
प्रमुख संस्थान:
-हैंडराइटिंग एनालिस्ट ऑफ इंडिया, विशाखापट्टनम
-इंस्टीट्यूट ऑफ ग्राफोलॉजिकल रिसर्च, मुंबई
-वर्ल्ड स्कूल ऑफ हैंडराइटिंग, मुंबई
-हैंडराइटिंग इंस्टीट्यूट इंडिया, बैंगलोर
-इंटरनेशनल ग्राफोलॉजिकल रिसर्च सेंटर, बैंगलोर