पत्थरों से कुचलकर की पत्नी की हत्या, दम टूटने तक डुबोये रखा पानी में सिर
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। घटना के अनुसार लगभग आठ साल बाद पहली पत्नी जिंदगी में लौटी तो छुटकारा पाने के लिए पति ने बेरहमी से उसे मौत के घाट उतार दिया। व्यक्ति ने पहले उसके सिर पर पत्थर से वार किया और फिर मौत होने तक उसका सिर पानी में डुबोए रखा। इसके बाद वह शव नदी में फेंककर घर वापस आ गया। महिला के परिजनों की ओर से दर्ज गुमशुदगी की जांच हुई तो पुलिस के सामने आरोपी ने सारा राज उगल दिया। जांच में पता चला कि महिला के शव का एक माह पहले ही अज्ञात के रूप में अंतिम संस्कार किया जा चुका है। शुरूआती जांच और पूछताछ के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार 25 दिसंबर को जगड़ गांव थाना धरासू जिला उत्तरकाशी निवासी जयंती प्रसाद नौटियाल ने अपनी बेटी मीना देवी (38) की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि मीना का विवाह वर्ष 2001 में मधुसूदन जगूड़ी पुत्र सुरेशानंद निवासी ग्राम जोगत पट्टी थाना धरासू जिला उत्तरकाशी के साथ हुआ था। दोनों वर्ष 2010 तक साथ रहे और उन्हें दो बच्चे भी हुए। एक दिन अचानक मधुसूदन बिना बताए गांव छोड़कर चला गया।
काफी तलाश के बाद पता चला कि मधुसूदन देहरादून में फतेहपुर धर्मावाला गांव में रह रहा है। मधुसूदन के बड़े भाई से संपर्क कर उन्होंने 2018 में मीना को बच्चों सहित ग्राम फतेहपुर धर्मावाला में मधुसूदन के पास छोड़ दिया था। कुछ दिन तक उनकी मीना से फोन पर बात होती रही। लेकिन एक माह से उनका मीना से कोई संपर्क नहीं हो पाया। इस संबंध में जब उन्होंने मधुसूदन से संपर्क किया तो उसने बताया कि 22 नवंबर को मीना उत्तरकाशी जाने की बात कहकर निकली थी।
थानाध्यक्ष सहसपुर नरेश सिंह राठौर ने बताया कि गुमशुदगी दर्ज कर मीना की तलाश शुरू की गई। जांच में पता चला कि बच्चे होने के बाद से ही दोनों के बीच विवाद रहने लगा था। इसी कारण मधुसूदन मीना और दोनों बच्चों को छोड़ दिल्ली चला गया और वहां प्लंबर का काम करने लगा। अक्तूबर 2011 में वह देहरादून आया और यहां उसने दिसंबर 2011 में टिहरी निवासी एक महिला से विवाह कर लिया। कुछ समय बाद दोनों को एक बेटा भी हुआ। दोनों पति-पत्नी सेलाकुई में फैक्ट्री में काम करते हैं। मीना व बच्चे जब उसके पास आए तो उसने उनके लिए भी एक किराए का मकान ले लिया। मधुसूदन रोज उसके पास भी आता जाता था।
पुलिस ने जब मधुसूदन से सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारी बातें उगल दी। बताया कि वह मीना की हरकतों से परेशान होकर ही आठ साल पहले घर छोड़कर गया था। मीना वापस आई तो वह उसे परेशान करने लगी। बीती 22 नवंबर की शाम करीब सात बजे वह मीना को घूमाने के बहाने धर्मावाला में आसन नदी के पुल के पास ले गया। यहां पहले उसने पत्थर से मीना के सिर पर वार किया और बेहोश होने के बाद करीब 15 मिनट तक उसका मुंह पानी में डुबोए रखा। इसके बाद उसने मीना का शव नदी में फेंक दिया और घर वापस आ गया। घर पर उसने बच्चों को बताया कि मीना उत्तरकाशी चली गई है। पुलिस ने मधुसूदन की निशानदेही पर नदी किनारे से खून से सना पत्थर और मीना के कान का कुंडल और चप्पल बरामद की है।