प्रॉपर्टी विवाद मामले में झटका खा सकती हैं अमृता सिंह, पढ़ें ये खबर
देहरादून। बॉलीवुड अभिनेत्री अमृता सिंह अपने मामा की प्रॉपर्टी को लेकर हुए विवाद के चलते इन दिनों सुर्खियों में छाई हुई हैं। अपने मामा की प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक़ जताने के लिए बॉलीवुड अभिनेत्री इनदिनों देहरादून के पुलिस थानों और कचहरियों के चक्कर लगा रही हैं।
अपनी मौत से पहले सारा आली खान की मां अमृता सिंह के मामा मधुसूदन ने अपनी संपत्ति के किसी वारिस की घोषणा नहीं की थी। बताया जा रहा है कि वे इस संपत्ति को धर्मार्थ ट्रस्ट के नाम करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने एक वसीयत भी छोड़ी है।
हालांकि, वसीयत में क्या लिखा है, इस बात का खुलासा तभी होगा, जब यह वसीयत सामने आएगी। मधुसूदन हिमाचल प्रदेश के द लारेंस स्कूल के पढ़े हुए हैं। वे शुरूआत से ही ऐशोआराम की जिंदगी जीते थे। उनके कई साथी बड़े बड़े पदों से सेवानिवृत्त हो चुके हैं तो कई विदेशों में निवास कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक सरदार कर्मवीर सिंह भी बिम्बट के ही सहपाठी थे। सूत्रों के मुताबिक वे व्यावसायिक लेखक नहीं थे, लेकिन लिखने-पढ़ने में उनकी बेहद रूचि थी। पशु और पर्यावरण से भी उनका बेहद प्रेम था। अपने इसी शौक के चलते ताउम्र उन्होंने शादी नहीं की थी।
यही कारण था कि उनका कोई वारिस नहीं है। चूंकि, बहन ताहिरा ने भांजी अमृता के साथ मिलकर मार्च 2016 में देहरादून के सिविल कोर्ट में मालिकाना हक जताने को लेकर वाद दायर किया तो वे इससे क्षुब्ध हो गए। उनके एक पारिवारिक मित्र के अनुसार वे हर बार इसी बात को कहते थे कि यह संपत्ति वह धर्मार्थ ट्रस्ट के नाम करेंगे।
इसके लिए उन्होंने वसीयत भी कर दी। शर्त है कि यह वसीयत उनके दो स्थानीय और दो दिल्ली के पारिवारिक मित्रों की मौजूदगी में उनकी मृत्यु के बाद सिविल जज के सामने ही पढ़ी जाएगी। बिंबट पहले इस संपत्ति को बेचना चाहते थे। यह बात भी पारिवारिक मित्र और हमारे सूत्र ने ही बताई है।
इसके लिए उन्होंने तमाम लोगों से भी बात की थी। शुरूआत में तो खरीददार मन मुताबिक नहीं मिले और जब कुछ खरीददार आए तो ताहिरा और अमृता ने इसमें वाद दायर कर दिया। इससे वे क्षुब्ध हो गए। सिविल कोर्ट ने अमृता और ताहिरा के संपत्ति को न बेचे जाने को लेकर स्टे मांगने के प्रार्थनापत्र को खारिज कर दिया था। इस मामले में अब अगली तारीख पांच फरवरी है।