आरोपों से मुकरी पीड़िता, युवक पर लगाया था कई बार रेप करने का आरोप, कोर्ट ने आरोपी को किया बरी
देहरादून। शादी का झांसा देकर युवती से कईं दफा रेप किये जाने और बाद में शादी करने से मुकर जाने पर पीड़ित युवती द्वारा आरोपी युवक को सलाखों के पीछे भिजवाने का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है, जहाँ कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में आरोपी युवक को बरी कर दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार न्यू उस्मानपुर, नई दिल्ली निवासी सोमनाथ डे पर एक युवती ने शादी का झांसा देकर अलग-अलग तिथियों में कई बार दुष्कर्म किये जाने व जबरन गर्भपात करवाने के साथ ही शादी से मुकरने का आरोप लगाते हुए वर्ष 2016 में देहरादून के डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
डालनवाला पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर आईपीसी की धारा 323, 376, 313 एवँ 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपी सोमनाथ डे को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया था। तभी से ये मुकदमा न्यायालय में चल रहा था। उक्त मुकदमा न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम देहरादून अनिरुद्ध भट्ट की अदालत में दिनांक 09-11-2017 को सुपुर्द किया गया। इस मुकदमे की पैरवी राज्य की ओर से संजीव सिसोदिया तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अमित त्यागी कर रहे थे।
दोनों पक्षों की ओर से अलग-तारीखों पर की गई ज़िरह और गरमागरम बहस के बाबजूद ये साबित नहीं हो सका कि आरोपी सोमनाथ डे ने पीड़िता से दुष्कर्म कर उसका गर्भपात करवाया है। वहीं उक्त मामले में आरोपी पर गंभीर आरोप लगाने वाली युवती भी अपने आरोपों से मुकर गयीं।
वादिनी द्वारा कोर्ट में दिए गए बयान के अनुसार आरोपी सोमनाथ डे ने उसके साथ न ही कभी दुष्कर्म किया और नहीं कभी उसका गर्भपात ही हुआ। वादिनी ने कहा कि सोमनाथ ने उसके साथ कभी कोई मारपीट भी नहीं कि तथा उनके बीच जो भी सम्बन्ध रहे उसमें दोनों की मर्ज़ी शामिल थी। वादिनी के अनुसार वो ये बयान अपनी मर्ज़ी से व बगैर किसी के दबाव में आये दे रही है।
उक्त बयान को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने आरोपी सोमनाथ डे को निर्दोष मानते हुए उसके विरूद्ध आरोपित अपराध आईपीसी की धारा 323, 376, 313 एवँ 506 से दोषमुक्त करते हुए उसे बरी करने के आदेश दे दिए।
वहीँ इस पूरे प्रकरण पर बचाव पक्ष के वकील अमित त्यागी ने कहा कि उनके क्लाइंट सोमनाथ डे ने इस मामले में एक लंबी लड़ाई लड़ी है। उन्होंने कहा कि हमारी न्याय प्रणाली में महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए कई कानून बनाये गए हैं। अक्सर कुछ लोग इसी का सहारा लेकर निर्दोष लोगों को फंसा देते हैं। उन्होंने न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि उनकी सदैव यही कोशिश रहती है कि किसी निर्दोष व्यक्ति को सज़ा नहीं होनी चाहिए, जिसके लिए वे हमेशा प्रयासरत रहते हैं।