देश का गद्दार अलगाववादी नेता यासीन मलिक हुआ गिरफ्तार
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में देश के गद्दार अलगाववादियों पर व्यापक कार्रवाई के संकेतों के बीच शुक्रवार रात जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। हालांकि अभी किसी और के हिरासत में लिये जाने की पुष्टि नहीं की गयी है। बता दें कि पुलिस यासीन को कोठीबाग थाने ले गई है। पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर भीषण आतंकवादी हमले के आठ दिन बाद यह कार्रवाई सामने आयी है। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35-ए पर सुनवाई शुरू हो सकती है। ऐसे में सुरक्षाबलों ने एहतियात के तौर पर यह कार्रवाई की है। इसके मद्देनजर घाटी में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
पीडीपी ने राज्य में सुरक्षा प्राप्त कुछ लोगों की सुरक्षा हटाने के फैसले के लिए सरकार की आलोचना करते हुए इसे बेवजह और प्रतिशोधात्मक कदम बताया है। पीडीपी के महासचिव गुलाम नबी लोन हंजुरा ने कहा, “अधिकारियों का रवैया प्रतिशोधात्मक स्वभाव का है और शासन संभाल रहे लोग बिना अफसोस के वास्तविकता से आंखें मूंद रहे हैं।” उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार सैयद अली शाह गिलानी, यासीन मलिक और शबीर शाह जैसे अलगाववादियों की सुरक्षा को हटाने का दावा करती है, वहीं दूसरी तरफ ये नेता दावा कर रहे हैं कि इन्हें कोई सुरक्षा मिली ही नहीं हुई थी। पीडीपी नेता ने इस पर सरकार से रुख साफ करने की मांग की।
बता दें कि अलगाववादियों की सुरक्षा हटाए जाने के मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने सुरक्षा हटाए जाने को सरकार का ‘घटिया’ कदम बताया था। उन्होंने चेतावनी दी थी वे इस मुद्दे पर कोर्ट भी जा सकते हैं। गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद केंद्र सरकार लगातार एक्शन ले रही है। हाल ही में उसने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया साथ ही कई नदियों के पानी जोकि पाकिस्तान जाता था उसे भी भारत मोड़ने पर बात चल रही है। इसी क्रम में अलगाववादियों पर भी कार्रवाई चल रही है।