देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देेेहरादून के रेलवे स्टेशन पर शनिवार की शाम उस समय बड़ा रेल हादसा होने से टल गया। प्लेटफार्म पर शंटिंग करते समय कर्मचारी की लापरवाही से देहरादून-हावड़ा एक्सप्रेस प्लेटफार्म से टकरा गई। जिससे अंतिम बोगी प्लेटफार्म से उतर गई और प्लेटफार्म क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत रही कि ट्रेन में यात्री नहीं थे वरना बड़ा हादसा हो जाता। मंडल रेल प्रबंधक व मंडलीय परिचालक प्रबंधक समेत आला रेलवे अफसरों ने घटना की जानकारी ली है।
घटनाक्रम के मुताबिक देहरादून से हावड़ा जाने वाली दून हावड़ा एक्सप्रेस को शनिवार को हावड़ा के लिए रवाना किया जाना था। ट्रेन को प्लेटफार्म नंबर दो पर लाया जा रहा था, लेकिन इसी बीच ट्रेन चालक शंटिंग करा रहे कर्मचारी का इशारा नहीं समझ सके और ट्रेन प्लेटफार्म से टकरा गई। इससे अंतिम बोगी पटरी से उतर गई और प्लेटफार्म का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। ट्रेन के प्लेटफार्म से टकराने के साथ ही रेलवे अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही यात्रियों में अफरातफरी मच गई।
घटना की जानकारी मिलते ही स्टेशन अधीक्षक एसडी डोभाल, सीएमआई एसके अग्रवाल समेत तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों के निर्देश पर पटरी से उतरी बोगी को ट्रेन से अलग किया। तकनीकी विशेषज्ञों की मौजूदगी में पूरी ट्रेन की तकनीकी जांच की गई और पता लगाया गया कि कहीं बाकी बोगियों में तो कोई नुकसान नहीं हुआ है।
ट्रेन के प्लेटफार्म से टकराने के बाद ट्रेन का निर्धारित समय आठ बजे की जगह देर रात रवाना किया गया। इस दौरान यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर मंडल रेल प्रबंधक एके सिंघल व मंडलीय परिचालक प्रबंधक एपी सिंह ने स्टेशन अधीक्षक से घटना की जानकारी ली है।
हरिद्वार में भी प्लेटफार्म नंबर नौ पर शंटिंग के दौरान इंजन ठोकर से टकरा गया। हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बच गया। शनिवार की दोपहर को टिकट काउंटर के पीछे प्लेटफार्म नंबर नौ पर इंजन शंटिंग कर रहा था। बताया जा रहा है कि चालक की लापरवाही से इंजन ट्रैक के अंत में लगे ठोकर से टकरा गया। हालांकि इंजन की गति धीमी थी।
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो इंजन में चालक नहीं था, लेकिन जैसे ही इंजन आगे बढ़ा तो चालक ने इंजन को रोकने का काम किया। स्टेशन अधीक्षक एमके सिंह ने बताया कि शंटिंग के दौरान चालक इंजन को ठोकर तक ले गया। ठोकर छूने से पहले ही इंजन रोक दिया गया। चालक न होने की सूचना फर्जी है। स्टार्ट इंजन को कभी स्टाफ के बिना खाली नहीं छोड़ा जाता।