आंध्र प्रदेश में जनसेना के प्रत्याशी ने तोड़ी ईवीएम
अनंतपुर। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के खराब होने से मतदान बाधित होने के अकसर मामले सामने आते हैं लेकिन आंध्र प्रदेश में वोटिंग के दौरान एक कैंडिडेट का गुस्सा कुछ इस कदर भड़का कि उसने ईवीएम को ही उठाकर पटक डाला। हैरानी की बात यह है कि उम्मीदवार की नाराजगी की वजह ईवीएम का खराब होना नहीं था। आरोपी उम्मीदवार को गिरफ्तार कर लिया गया है।
आंध्र में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव की भी वोटिंग हो रही है। अनंतपुर जिले के गुंताकल विधानसभा क्षेत्र के पोलिंग बूथ पर उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया, जब जन सेना पार्टी के कैंडिडेट मधुसूदन गुप्ता ने ईवीएम उठाकर फर्श पर पटक दी। मधूसूदन गुप्ता गुत्ती के मतदान केंद्र पर अपना वोट डाटने के लिए पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि वह इस बात से नाराज थे कि विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों के नाम सही तरीके से नहीं प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इसको लेकर वह मतदान कर्मियों पर बरस पड़े।
कहासुनी के दौरान अचानक उन्होंने ईवीएम उठा ली और उसे जमीन पर पटककर क्षतिग्रस्त कर दिया। हंगामे की वजह से थोड़ी देर के लिए मतदान भी बाधित हुआ। घटना की सूचना मिलने के तुरंत बाद पुलिस ने आरोपी मधुसूदन गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने पुलिस के साथ भी बदसलूकी की।
इससे पहले सुबह 7 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच राज्य की 25 लोकसभा सीटों और सभी 175 विधानसभा सीटों पर मतदान शुरू हुआ। राज्य में मतदान के लिए 46,120 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने करीब 28 हजार जगहों पर वेबकास्टिंग का इंतजाम किया गया है।
तेलंगाना के अलग होने के बाद अब आंध्र प्रदेश में 3.71 करोड़ से ज्यादा वोटर हैं। राज्य की 175 विधानसभा सीटों पर 2,118 कैंडिडेट मैदान में हैं। वहीं, लोकसभा की 25 सीटों के लिए 319 उम्मीदवार चुनावी संग्राम में उतरे हैं। वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डीने पुलिवेंदुला के मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। इस बार के चुनाव में आंध्र में बहुकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं। सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सहित प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए यह ‘करो या मरो’ की लड़ाई मानी जा रही है।
साल 2014 में आराम से चुनाव जीतने वाले चंद्रबाबू नायडू को सत्ता में बने रहने के लिए इस बार वाईएसआर कांग्रेस की कड़ी चुनौती से जूझना पड़ रहा है। अपने पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी की राजनीतिक विरासत संभालने वाले जगन मोहन रेड्डी के लिए यह चुनाव अहम है। दूसरी ओर कांग्रेस आंध्र प्रदेश में फिर से मजबूत होने की कोशिश में है। उसे 2014 में राज्य के विभाजन के बाद करारी हार झेलनी पड़ी थी। वहीं, बीजेपी भी अकेले चुनाव लड़ रही है।