ज़िंदा साँप लेकर इलाज़ कराने अस्पताल पहुंची माँ-बेटी
मुंबई। महानगर मुंबई के धारावी डिपो की सोनेरी चाल में रहने वाली महिला और उसकी बेटी को रविवार को एक सांप ने काट लिया। वह महिला अपनी बेटी के साथ डॉक्टरी इलाज के लिए फौरन सायन अस्पताल पहुंची। लेकिन डॉक्टर यह देखकर हैरान रह गए कि वे दोनों अपने साथ उस जिंदा सांप को भी लाई थीं जिसने उन्हें काटा था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि इससे डॉक्टरों को सही ऐंटी-वेनम या विषरोधी इंजेक्शन खोजने में मदद मिलेगी।
सुल्ताना खान (34) ने बताया, ‘रविवार को सुबह 11 बजे के आसपास जब तहसीन (18) और परिवार के दूसरे लोग नाश्ता कर रहे थे, उसी समय सांप घर में घुसा और तहसीन को काट लिया। यह देखकर सब घबरा गए। मैंने फौरन सांप को उसके हाथ से खींचा लेकिन इस बीच उसने मुझे भी उंगलियों में काट लिया।’
सांप की पहचान के लिए उसे अस्पताल ले आईं
इसके बाद सुल्ताना ने सांप को छोड़ा नहीं पकड़े रखा, और टैक्सी बुलाकर अपनी बेटी के साथ अस्पताल पहुंचीं। वह अपने साथ सांप को इसलिए लाई थीं क्योंकि एक बार जब उनके किसी रिश्तेदार को सांप ने काट लिया था उस समय उनका इलाज करने वाले डॉक्टर ने कहा था कि अगर सांप की सही पहचान हो जाए तो उसके लिए ऐंटी-वेनम चुनने में आसानी होती है। सुल्ताना कहती हैं, ‘मुझे वह घटना याद थी, मैं सांप को इसलिए पकड़कर ले आई ताकि सांप को पहचानने या उसका हुलिया बताने में देर न हो जाए।’
लेकिन सायन हॉस्पिटल के डीन इंचार्ज डॉ. प्रमोद इंगले कहते हैं कि इसकी बिल्कुल भी जरूरत नहीं थी। डॉ. इंगले ने बताया, ‘भले ही सांप किसी भी किस्म का हो उसके इलाज का तरीका समान होता है। अब एक यूनिवर्सल ऐंटी-स्नेक वेनम इंजेक्शन आता है जो सभी तरह के सर्प दंश में असर करता है। दोनों मां और बेटी को उसके चार-चार इंजेक्शन लगाए गए हैं। उनकीहालत स्थिर है और वे हमारी देखरेख में हैं।’
सांप को अस्पताल लाने के बारे में डॉ. इंगले कहते हैं, ‘इस तरह किसी सांप को लाना बहुत खतरनाक है। किसी को भी ऐसा जोखिम नहीं लेना चाहिए।’ सुल्ताना ने बताया, ‘सांप के काटने से तहसीन का हाथ सूज गया था, उसका बायां हाथ एकदम सुन्न हो गया था। इलाज के दौरान उसे दो बार उल्टियां भी हुईं।’ बहरहाल, सांप पूरी तरह से स्वस्थ रहा, उसे जानवरों की देखरेख करने वालों को सौंप दिया गया।