Breaking NewsUttarakhand

सूचना विभाग के रवैये से नाखुश पत्रकारों ने सूचना निदेशालय के गेट पर की तालाबंदी

देहरादून। सूचना विभाग के द्वारा किये जा रहे लघु समाचार पत्रों के उत्पीड़न के विरुद्ध विभिन्न संगठनों के पत्रकारों ने एकजुट होकर सूचना निदेशालय के बाहर धरना देकर प्रदर्शन किया। शुक्रवार सुबह भारी संख्या में सूचना निदेशालय के गेट पर एकत्र हुए पत्रकारों ने आक्रोश जताते हुए निदेशालय के गेट पर ताला जड़ दिया। इस दौरान पत्रकारों ने सूचना विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध नारेबाजी कर अपना रोष प्रकट किया।

गौरतलब है कि सूचना विभाग के द्वारा बीते काफी समय से लघु समाचार पत्रों के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार करते हुए उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। इसी के चलते विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष शहीद श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि पर जारी किए जाने वाला एक विज्ञापन लघु समाचार पत्रों को इस बार प्रकाशन हेतु नहीं दिया गया। जिससे लघु समाचार पत्रों से जुड़े पत्रकारों के भीतर रोष व्याप्त है।

अपने क्रोध को प्रकट करते हुए लघु समाचार पत्रों के प्रकाशकों, संपादकों एवं विभिन्न संगठनों से जुड़े पत्रकारों ने देहरादून के रिंग रोड स्थित सूचना महानिदेशालय के बाहर गुरुवार को धरना देकर सूचना विभाग की कार्य प्रणाली के विरुद्ध अपना विरोध जताया था। सांकेतिक धरने और ज्ञापन के बावजूद सूचना महानिदेशक मेहरबान सिंह बिष्ट पत्रकारों की मांग की अनदेखी कर रहे हैं, जिससे पत्रकार आक्रोशित हैं।

वहीं शुक्रवार को पत्रकार विकास गर्ग के आह्वान पर भारी संख्या में पत्रकार सुबह 9 बजे रिंग रोड स्थित सूचना निदेशालय के गेट पर जुटना शुरू हो गए। इस दौरान पत्रकारों ने सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की और विभाग के रवैये के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया। पत्रकारों ने इस दौरान सूचना निदेशालय के मुख्य द्वार पर ताला भी लगा दिया।

धरना स्थल पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार विकास गर्ग ने कहा कि सूचना विभाग निरंतर पत्रकारों के हितों की अनदेखी करता आ रहा है। आलम यह है कि वह अब मझोले एवं लघु समाचार पत्रों के हकों को छीनकर बड़े मीडिया घरानों के खजाने को भरने पर तुला है, जिससे छोटे अख़बार सिसक-सिसककर दम तोड़ रहे हैं। उन्होंने सूचना विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि सूचना विभाग यह बात जान ले कि पत्रकार अब एकजुट हो चुके हैं और वह अपने हक को पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकार हितों की मांगों को लेकर उन्होंने सूचना विभाग के आला अधिकारियों से लेकर सरकार के उच्चस्तरीय लोगों तक से वार्ता की, किंतु कहीं से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जिससे पत्रकारों के प्रति शासन और प्रशासन की निरंकुशता साफ झलकती है।

वहीं वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा पत्रकारों का कहना है कि उत्तराखंड के  महज तीन-चार अखबारों को ही सरकारी खजाने से विज्ञापन के रूप में मोटा मुनाफा दिया जा रहा है, जबकि लघु समाचार पत्रों एवं न्यूज पोर्टल की लगातार उपेक्षा हो रही है। विभाग का ये रवैया किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पत्रकारों का कहना है कि हाल ही में जारी हुए हरेला और श्रीदेव सुमन का विज्ञापन तत्काल जारी कर दिया जाए और आगे लघु समाचार पत्रों एवं न्यूज पोर्टल की अनदेखी न करते हुए बड़े अखबारों को जो विज्ञापन जारी किए जाएं, समाचार पत्र व न्यूज़ पोर्टल को हर हाल में जारी किया जाना चाहिए।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार वरिष्ठ पत्रकार शिव प्रसाद सेमवाल, संजीव पंत, अनिल वर्मा, अमित सिंह नेगी, आलोक शर्मा व अनुराग गुप्ता आदि ने अपने विचार रखें। इस मौके पर विभिन्न संगठनों एवं न्यूज पोर्टल से जुड़े दर्जनों पत्रकार सूचना निदेशालय के बाहर धरने पर बैठे रहे। इस अवसर पर विभिन्न संगठनों के सोमदेव, दीपक धीमान, वीरेंद्र दत्त गैरोला, आलोक शर्मा, संजीव पंत, चंद्रकला काला, लक्ष्मी बिष्ट, पंकज कपूर व विजय रावत आदि पत्रकार बड़ी संख्या में शामिल रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button