शिवजी के दूध पीने की खबर सुनकर मंदिरों में उमड़ी भीड़, भारी संख्या में दूध पिलाने पहुंचे श्रद्धालु
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के उमेदपुर क्षेत्र में भगवान शिव की मूर्ति के द्वारा दूध पिये जाने की खबर सुनकर शिव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। जैसे ही लोगों ने शिवलिंग और भगवान शंकर की मूर्ति के द्वारा दूध पिये जाने की खबर सुनी वैसे ही लोग उमेदपुर के प्राचीन शिव मंदिर का रुख करने लगे। कई लोग शिव की मूर्ति को दूध पिलाने का वीडियो भी बनाने लगे।
गौरतलब है कि उमेदपुर स्थित यह प्राचीन शिव मंदिर वर्ष 1991 में खुदाई के दौरान जमीन में से प्रकट हुआ था। इसके बाद पुरातत्व विभाग की जांच के बाद यह पाया गया कि यह शिवलिंग प्राचीन काल का है। इसके साथ खुदाई में प्राप्त हुई अन्य मूर्तियों को पुरातत्व विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया किंतु शिवलिंग को ही छोड़ दिया। इसके पश्चात यहां पर ग्रामीणों द्वारा एक मंदिर की स्थापना की गई। तभी से यहां पर भारी संख्या में श्रद्धालु आकर भगवान शिव की पूजा करते आ रहे हैं।
शिव की मूर्ति के द्वारा दूध पिये जाने की यह खबर धीरे-धीरे आग की तरह सब जगह फैलने लगी। इस खबर के फैलने के बाद लोग अलग-अलग मंदिरों में जाकर शिव की मूर्ति को दूध पिलाने लगे। उमेदपुर के साथ ही देहरादून के विभिन्न मंदिरों एवं विकासनगर क्षेत्र स्थित कई मंदिरों में भगवान शिव की मूर्तियों को दूध पिलाये जाने की खबरें सामने आने लगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार भगवान शिव की मूर्ति के साथ ही माता पार्वती, गणेश एवँ नंदी जी की मूर्तियों ने भी दूध पिया है।
बताते चलें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। दरअसल पहले भी कई दफा भगवान की मूर्तियों के द्वारा दूध पिए जाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। सर्वप्रथम सितंबर 1995 मैं भगवान गणेश की मूर्ति के द्वारा दूध पिये जाने की खबर सामने आई थी। जिसके बाद देशभर में मंदिरों के बाहर भगवान की मूर्तियों को दूध पी लाने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लग गई थी।
यूं तो वैज्ञानिक ऐसी घटनाओं को लेकर अपना एक अलग ही तर्क देते आए हैं, किंतु कहते हैं कि आस्था से बढ़कर कुछ भी नहीं। शायद यही सोचकर भक्तगण भारी संख्या में शिवालयों का रुख कर रहे हैं और भगवान शिव की मूर्ति को दुग्ध अर्पित कर रहे हैं। वैसे भी श्रावण मास में भगवान शिव की मूर्ति व शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाना एवं उन पर दूध एवं फूल अर्पित किया जाना बेहद फलदाई माना जाता है। ऐसे समय में शिव जी की मूर्तियों के द्वारा दूध पिये जाने का महत्व शिव भक्तों के लिए और भी बढ़ जाता है।