उत्तराखंड में ई-सिगरेट और ई-हुक्का पर रोक लगाने को जारी होंगे आदेश
देहरादून। प्रदेश सरकार जल्द ही उत्तराखंड में ई-सिगरेट और ई-हुक्का पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएगी। जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी करेगी। इसके बाद प्रदेश में ई-सिगेरट और ई-हुक्का की बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर पूरी तरह से रोक लगेगी। सोमवार को केंद्र सरकार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य को ई-सिगरेट का इस्तेमाल रोकने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
हाल ही में केंद्र सरकार ने ई-सिगरेट और ई-हुक्का पर प्रतिबंध लगाने का एलान किया था। केंद्र की गाइडलाइन के आधार पर प्रदेश सरकार ने भी उत्तराखंड में इन पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की है। जल्द ही इसे लेकर आदेश जारी किए जाएंगे।
बता दें कि ई-सिगरेट में निकोटिन की भारी मात्रा होने के कारण इसके इस्तेमाल से छाती, फेफड़े, हार्ट और दिमाग पर बुरा असर पड़ रहा है। यहां तक कि जो व्यक्ति साधारण सिगरेट नहीं पीता है। यदि वह ई-सिगरेट पीने वाले के बगल में है तो उसके स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ सकता है। खास तौर पर ई-सिगरेट की लत युवा पीढ़ी में ज्यादा बढ़ रही है।
आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार ई-सिगरेट तंबाकू और सिगरेट से भी ज्यादा हानिकारक है। इसका इस्तेमाल करने से छाती, फेफडे़ और हार्ट और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, यूके में हुए अध्ययन के अनुसार 70 प्रतिशत लोग निकोटिन की तलब के लिए ई-सिगरेट का उपयोग कर रहे हैं। ई-सिगरेट की कश से अमेरिका में सैकड़ों युवा बीमारी की चपेट में आए हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने भी माना कि ई-सिगरेट की स्मोकिंग बेहद खतरनाक है।
ई-सिगरेट एक खास प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक गैजेट है। इसे बैटरी से चलाया जाता है। यह उपकरण निकोटिन वाले घोल को गर्म कर एयरोसोल पैदा करता है। जब इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति कश लगाता है तो हीटिंग डिवाइस इसे भाप में बदल देती है। साधारण सिगरेट और तंबाकू के बदले युवा इस गैजेट का इस्तेमाल करते हैं।
केंद्र ने ई-सिगरेट को प्रतिबंध करने के लिए गाइड लाइन जारी कर दी है। इसी तर्ज पर प्रदेश भी ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी किए जाएंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग में केंद्र की ओर से इस संबंध में दिशा निर्देश दिए गए।
– अरूणेंद्र सिंह चौहान, अपर सचिव, स्वास्थ्य विभाग