शिवालयों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
देहरादून। आज सावन का पहला सोमवार है। इस अवसर पर देशभर के शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिरों में भगवान शिव शंकर को जल चढाने वाले भक्तों का तांता लगा रहा। यदि उत्तराखण्ड राज्य की ही बात करें तो उत्तराखंड में सावन के पहले सोमवार पर विभिन्न जिलों में श्रद्धालुओं ने शिव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की। विशेषकर शिवलिंग में जलाभिषेक को भक्तों में होड़ मची रही। सावन का पहला सोमवार होने पर आज सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ गई थी। हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने गंगाजल से शिवलिंग का जलाभिषेक किया। वहीं, कांवड़ियों का गंगाजल लेने आने का क्रम भी शुरू हो गया। सौर मास के श्रावण के पहले सोमवार को देहरादून शहर के तमाम शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। हर-हर महादेव के जयकारे की गूंज रही। हालाकिं, चन्द्र मास का श्रावण 19 जुलाई से शुरू हो रहा है। सुबह से ही शहर के टपकेश्वर महादेव, पृथ्वीनाथ मन्दिर, जंगम शिवालय समेत तमाम मन्दिरों में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा।
वहीं पर्यटन नगरी नैनीताल में सावन के पहले सोमवार को शहर के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी है। प्रसिद्ध नयना देवी मंदिर परिसर में स्थापित शिवलिंग, कृष्णापुर स्थित गुफा महादेव तथा माउन्ट रोज स्थित शिव मंदिर में सुबह से पूजा-अर्चना का दौर जारी रहा। भक्तों ने शिवलिंग में जलाभिषेक कर सुख समृद्धि की कामना की। पारिवारिक शांति और सुख के लिए अनुष्ठान कराए। पर्यटकों ने भी मंदिर में पूजा की। भगवान भोले के भक्त सैकड़ों किमी दूर तक चलकर गंगा जी तक पहुंचते हैं। कांवड़िये कांवड़ लेकर गंगाजल लेकर वापस लौटते हैं। दिनरात पैदल चलना अपना आप में बड़ी साधना मानी जाती है। गंगाजल लेकर वापस लौटे कांवड़िये भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दौरान भोले के भक्त जलाभिषेक के साथ ही साथ दुग्धाभिषेक कर भगवान को मनाते हैं।
सावन के माह में बरसात अपने पूरे यौवन पर होती है। इन दिनों वर्षा की झड़ी लगना सदियों पूरानी परंपरा बन गई है। जानकारों का कहना है कि विशेषतौर पर सावन के सोमवार के दिन बरसात होने का सिलसिला भी सैकड़ों साल पुराना बताया जाता है। बताया जाता है कि सोमवार को जब भक्त भोले की साधना के लिए गंगा से गंगाजल लेकर आ रहे होते हैं तो उस दौरान बरसात का प्राकृतिक संयोग भी बनता है। सावन के पहले सोमवार को मंदिरों में सुबह से ही शिव भक्तों का तांता लगा रहा। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिरों में भोले बाबा का जलाभिषेक किया। भक्तों ने बेलपत्र चढ़ाने के साथ ही दूधाभिषेक भी किया। शहर से लगे बेल बाबा मंदिर से लेकर प्राचीन शिव मंदिर, लक्ष्मणेश्वर महादेव, पिपलेश्वर, महादेव, संतोषी माता मंदिर और प्राचीन देवी मंदिर समेत तमाम मंदिरों में पूजा अर्चना की। मंदिरों में भजन-कीर्तन भी हुए। पहले सोमवार को देखते हुए शहर के मुख्य मंदिरों में सुरक्षा के प्रबंध भी किए गए थे। राज्य में लगातार हो रही भारी बरसात के बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आयी। दिनभर भारी तादात में भक्तगण मंदिरों की ओर रूख करते नजर आये।