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पटाखों ने दून की हवा में घोला दोगुना प्रदूषण

देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में दीपावाली पर हुई जबरदस्त आतिशबाजी से प्रदूषण का स्तर सामान्य की तुलना में दोगुना से अधिक पाया गया। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञों के मुताबिक दिवाली पर प्रदूषण की मानीटरिंग के लिए शहर में तीन जगह नेहरू कालोनी, दून अस्पताल, रायपुर और ऋषिकेश के ढालूवाला में अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से मानीटरिंग की गई। दून अस्पताल और इसके आसपास के इलाकों में सबसे अधिक प्रदूषण पाया गया। जबकि नेहरू कालोनी में प्रदूषण का स्तर सबसे कम पाया गया।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल के मुताबिक नेहरू कालोनी में दीपावली के दिन शाम को पीएम (पार्टिकुलेट मैटर)-10 (धूल के कण) का स्तर 166 माइक्रोग्राम प्रति नार्मल क्यूबिक मीटर पाया गया। जबकि दून अस्पताल के आसपास यह स्तर 385 रिकॉर्ड किया गया, रायपुर में 249 और ढालूवाला (ऋषिकेश) में 283 माइक्रोग्राम प्रति नार्मल क्यूबिक मीटर प्रदूषण का स्तर पाया गया। प्रदूषण मानकों के मुताबिक सामान्य स्थितियों में इसकी मात्रा 100 माइक्रोग्राम प्रति नार्मल क्यूबिक मीटर होनी चाहिए।
बकौल क्षेत्रीय अधिकारी पोखरियाल जहां तक पीएम-2.5 (धूल के कण) का सवाल है तो नेहरू कालोनी में यह मात्र 72 माइक्रोग्राम प्रति नार्मल क्यूबिक मीटर, दून अस्पताल के पास 184, रायपुर में 151 और ढालूवाला में यह मात्रा 152 माइक्रोग्राम प्रति नार्मल क्यूबिक मीटर मापी गई। जबकि सामान्य स्थितियों में यह 60 माइक्रोग्राम प्रति नार्मल क्यूबिक मीटर होना चाहिए।
जहां तक सल्फर डाईआक्साइड (एसओ-2) का सवाल है तो नेहरू कालोनी में यह 34 माइक्रोग्राम प्रति नार्मल क्यूबिक मीटर, दून अस्पताल के पास 36.3, रायपुर में 31.6 और ढालूवाला में इसकी मात्रा 43.5 माइक्रोग्राम प्रति नार्मल क्यूबिक मीटर मापी गई है। क्षेत्रीय अधिकारी पोखरियाल के मुताबिक दीपावली पर आतिशबाजी होने की वजह से प्रदूषण के स्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इसकी निगरानी की जा रही है।

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