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गहरे बोरवेल में फंसे 2 साल के मासूम ने तोड़ा दम

चेन्नै। बोरवेल में करीब 80 घंटे से फंसा तमिलनाडु का 2 साल का सुजीत विल्सन जिंदगी की जंग हार गया। तिरुचिरापल्ली के एक गांव के बोरवेल में 90 फीट नीचे फंसे सुजीत को सुरक्षित निकालने की तमाम कोशिशें विफल रहीं। सोमवार देर रात बोरवेल से सुजीत का शव ही बाहर निकला। मौत की सुरंग में सुजीत काफी पहले दम तोड़ चुका था। जब शव बाहर निकाला गया तो उससे दुर्गंध आ रही थी। आपको बता दें पूरा देश सुजीत के लिए दुआएं कर रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सुजीत के लिए प्रार्थना की थी।

तमिलनाडु के ट्रांसपोर्ट विभाग के प्रधान सचिव जे. राधाकृष्णन ने मंगलवार को बताया कि सुजीत का शव काफी खराब स्थिति में बरामद किया गया। यह बच्चा 25 तारीख की शाम को 5:30 बजे बोरवेल में गिरा था। अधिकारी ने कहा, ‘सुजीत का शव बरामद किया गया है। उसे जिंदा बाहर निकालने के सभी प्रयास विफल रहे। जिस बोरवेल में बच्चा गिरा था, उसमें से सड़ने की बू आने लगी थी।’ उसके शव को सरकारी अस्पताल ले जाया गया।
इससे पहले पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री ई. पलानीसामी से बच्चे को बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली थी। उन्होंने इस संबंध में ट्वीट कर कहा था, ‘मेरी दुआएं हिम्मती सुजीत विल्सन के साथ हैं। सुजीत को बचाने के लिए चल रहे बचाव अभियान के संबंध में मुख्यमंत्री ई. पलानीसामी से मेरी बात हुई है। वह सुरक्षित रहे, इसके लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।’
बोरवेल में गिरे बच्चे को बचाने के लिए बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था। अधिकारियों के मुताबिक, बच्चा सोमवार को बोरवेल में बेहोश हो गया था हालांकि तबतक उसकी सांस चलने की बात कही जा रही थी। उसे बचाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राज्य पुलिस और स्थानीय प्रशासन की कई टीमों को लगाया गया था। 2 साल का मासूम पहले 26 फीट गहरे गड्डे में गिरा था, लेकिन अचानक वह 70 फीट तक की गहराई तक फिसल गया।
शुरुआत में बच्चे तक पहुंचने के लिए बोरवेल के पास गड्ढा खोदने के लिए मशीनों को काम पर लगाया गया था, लेकिन इलाका चट्टानी होने के कारण इसे बीच में ही रोक दिया गया था। बाद में बचाव दल ने एक विशेष उपकरण ‘बोरवेल रोबॉट’ का इस्तेमाल किया, लेकिन वह भी सफल नहीं रहा।

सुजीत तक पहुंचने के लिए बचाव दल ने बोरवेल के बराबर में खुदाई शुरू कर दी थी। हालांकि चट्टान को तोड़ते हुए खुदाई में काफी मुश्किलें आईं। 6 इंच चौड़े बोरवेल में बच्चा फंसा था, ऐसे में उस तक पहुंचने के लिए पास ही 1.2 मीटर चौड़ी सुरंग खोदी जा रही थी। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव जे. राधा कृष्णन ने बताया था कि चट्टानी इलाके में जल्दी से खुदाई करने में दिक्कतें आती हैं। खुदाई का काम लगभग 280-500 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा था। टीम को खुदाई के साथ नीचे उतरने के लिए चट्टानों को हटाकर रास्ता तैयार करना था।

NDRF, SDRF, ONGC और प्राइवेट बोरवेल ऑपरेटरों की टीम खुदाई में जुटी थी तभी सोमवार को जमीन से तेल लीक होने लगा। ऐसे में कुछ समय के लिए खुदाई रोकनी पड़ी। वाइब्रेशन भी ज्यादा हो रहा था और इससे सुजीत के बोरवेल में मिट्टी गिर सकती थी। ऐसे में एजेंसियां और भी अलर्ट हो गईं। हालांकि इन सबके बाद भी सुजीत को बचाया नहीं जा सका।

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