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इमरान खान सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, ये है वजह

इस्लामाबाद। इमरान खान सरकार के नए टैक्स नियमों के खिलाफ पाकिस्तान की अवाम सड़कों पर उतर आई है। मंगलवार को कई बड़े बाजार और कारोबार विरोध में बंद रहे। प्रदर्शनकारी व्यापारियों पर लगाए गए सेल्स टैक्स का विरोध कर रहे हैं। ऑल कराची ट्रेडर्स अलायंस के अध्यक्ष अतिक मीर ने कहा कि नए टैक्स सिस्टम से हम व्यापारी मारे जाएंगे।

पाकिस्तान की आर्थिक हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। जुलाई में IMF ने 6 अरब डॉलर का कर्ज देने का रास्ता साफ किया था और कहा था कि वह पब्लिक फाइनैंस की सेहत में सुधार लाए। IMF की सलाह के मुताबिक ही इमरान खान सरकार ने टैक्स रेवेन्यू बढ़ाने पर जोर दिया है, जिससे राजकोषीय घाटे को बढ़ने से रोका जा सके और विकास के लिए भी धीरे-धीरे खजाने में पैसे आते रहे।

टैक्स लगाने के सरकार के फैसले के विरोध में मंगलवार को पाकिस्तान में ज्यादातर दुकानें, मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बंद रहे। व्यापारी सड़कों पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया। जुलाई से यह दूसरा प्रदर्शन है, जिसमें नए टैक्स नियम के विरोध में व्यापारियों ने पाकिस्तान बंद का आह्वान किया।

पाकिस्तान का राजकोषीय घाटा GDP के 7 फीसदी के खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है, जिसकी वजह से लेन-देन का पूरा सिस्टम बुरी तरह बिगड़ गया है। पाकिस्तान में टैक्स देने वालों की संख्या बहुत कम है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 21 करोड़ की आबादी वाले देश में केवल 1 फीसदी लोग ही टैक्स फाइल करते हैं।
बड़े-बड़े बिजनेसमैन राजनेताओं के चाटुकार बने हुए हैं, जिसकी वजह से ज्यादातर लोगों को टैक्स ही नहीं देना पड़ता है। बहुत कम बिजनेसमैन ही सही तरीके से टैक्स भरते हैं। एग्रीकल्चर सेक्टर का जीडीपी में योगदान 20 फीसदी के करीब है और राजनीतिक रूप से मजबूत लोग ही यहां के जमींदार है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, एग्री सेक्टर का डायरेक्ट टैक्स में योगदान मात्र 0.22 फीसदी है।
IMF के कहने के बाद पाकिस्तान में नए नियम लागू किए गए हैं। अब 50 हजार (315 डॉलर) पाकिस्तानी रुपये से ज्यादा की खरीदारी करने पर खरीदार को आईडी कार्ड दिखाना होगा। व्यापारी इस सीमा को बढ़ाकर 1 लाख किए जाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सरकार की तरफ से उनकी मांगों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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