देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत स्थित पथरिया पीर में सात लोगों की मौत जहरीली शराब के सेवन से ही हुई थी। विसरा रिपोर्ट में मृतकों के शरीर में मिथाइल एल्कोहॉल होने का खुलासा हुआ है। हालांकि, अवैध रूप से शराब की आपूर्ति करने वाले चारों आरोपियों ने शराब में किसी तरह की मिलावट की बात स्वीकार नहीं की थी।
जाफरान ब्रांड की देसी शराब के सैंपल की रिपोर्ट अभी आना बाकी है। तभी यह साफ हो पाएगा कि शराब बनाते समय कोई चूक हुई थी या शराब में किसी तरह की मिलावट की गई थी। शहर के पथरिया पीर में यह शराब कांड 20 सितंबर को सामने आया था।
19 सितंबर को तीन लोगों राजेंद्र, लल्ला और सेवानिवृत्त फौजी शरण की मौत हुई थी। परिजनों ने उनके शवों का बिना पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार कर दिया था। अगले दिन तीन और लोगों आकाश, सुरेंद्र और इंदर की मौत हुई तो पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई।
मामले सामने आने के बाद एसएसपी अरुण मोहन जोशी और एसपी सिटी श्वेता चौबे ने शराब पीने वाले इलाके के करीब 20 लोगाें को राजकीय वाहन से मैक्स और एम्स ऋषिकेश में भर्ती करवाया था। सही समय पर उपचार मिलने के कारण इन लोगाें की जिंदगी बच गई थी, जबकि पथरिया पीर निवासी राजू की मौत हो गई थी। राजू ने पड़ोस से देसी शराब खरीदकर पी थी।
पुलिस ने आखिरी दिनों में मरे चार लोगों का पोस्टमार्टम कराया था। चिकित्सकाें ने शवों का विसरा संरक्षित कर लिया था। शहर कोतवाली में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर तत्कालीन सीओ लोकजीत सिंह ने विसरा जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया था।
आज विसरा रिपोर्ट आई तो मृतकों के शरीर में मिथाइल एल्कोहॉल होने की पुष्टि हुई। विवेचक सीओ लोकजीत सिंह ने बताया कि रिपोर्ट से जाहिर है कि शराब में जहर था। उन्होंने बताया कि डिस्टलरी और शराब के ठेके से लिए गए सैंपल की रिपोर्ट अभी आना बाकी है। इसके बाद ही तस्वीर पूरी तरह साफ हो पाएगी।
देहरादून के एसएसपी अरुण मोहन जोशी के अनुसार पथरिया पीर कांड में विसरा रिपोर्ट आने के बाद यह बात पुख्ता हो गई है कि शराब जहरीली थी। इसी आशंका के चलते पहले ही आरोपियाें के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराकर विवेचना की जा रही है। पुलिस को अब डिस्टलरी और शराब ठेकेे के सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार है। इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।