स्कूल में सांप काटने से हुई छात्रा की मौत, जानिए पूरा मामला
तिरुवनंतपुरम। सांप काटने से स्कूली छात्रा की हुई मौत के मामले में केरल के वायनाड में शुक्रवार को छात्र संगठनों के सदस्य सड़क पर उतर आए। छात्रों की सुरक्षा में लापरवाही के आरोप में सर्वजन गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है। पब्लिक एजुकेशन (अकैडमिक) के अडिशनल डायरेक्टर इस मामले में विभागीय जांच करके अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
इससे पहले स्कूल के एक शिक्षक और एक डॉक्टर की संवेदनहीनता के कारण उन्हें बर्खास्त किए जाने की मांग को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों ने विरोध प्रदर्शन भी किया। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के सदस्य पुलिस से भिड़ गए। पुलिस और छात्रों के बीच जमकर झड़प भी हुई।
शुक्रवार सुबह वायनाड के जिला न्यायाधीश और जिला कानूनी सेल प्राधिकरण के अध्यक्ष ए. हरीश राजकीय एसवीएचएस स्कूल का दौरा करने गए थे। राजकीय एसवीएचएस स्कूल में ही पांचवीं की छात्रा एस. शीरीन (10) की मौत बुधवार को सर्पदंश से हो गई थी। क्लास में ही सांप का बिल था, जिससे वह निकला था। यह स्कूल कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के लोकसभा क्षेत्र में स्थित है।
छात्रों की सुरक्षा में लापरवाही के आरोप में सर्वजन गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है। पब्लिक एजुकेशन (अकैडमिक) के अडिशनल डायरेक्टर इस मामले में विभागीय जांच करके अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
घटना की जानकारी के बाद राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री पिनरई विजयन से संबंधित आरोपियों पर कार्रवाई करने की मांग की थी। शुक्रवार सुबह गुस्साए विद्यार्थियों और अभिभावकों ने विरोध मार्च निकाल कर बच्ची की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के सदस्य पुलिस से भिड़ गए। पुलिस और छात्रों के बीच जमकर झड़प भी हुई।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे एक छात्र ने कहा, ‘स्कूल के एक शिक्षक को बर्खास्त किया गया है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। हम चाहते हैं कि शिकायत दर्ज की जाए और शिक्षकों और चिकित्सकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। हमारे साथ पढ़ने वाली छात्रा की मौत जिन बुरी परिस्थितियों में हुई, उसे न्याय मिलना चाहिए। हम तब तक प्रदर्शन करेंगे, जब तक कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती है।’
मृत बच्ची की सहपाठी के अनुसार, ‘घटना दोपहर 3.10 बजे हुई थी, लेकिन स्कूल के अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया था। 3.50 बजे शीरीन के पापा आए और वह उसे कार में नजदीकी अस्पताल ले गए, जबकि स्कूल में अन्य कारें भी मौजूद थीं।’